Saturday, November 9, 2024
Homeदेश-समाज'पानी तक नहीं था, अपना ही पेशाब पीने के लिए बोतल में भर रहे...

‘पानी तक नहीं था, अपना ही पेशाब पीने के लिए बोतल में भर रहे थे’: झारखंड रोपवे हादसे के पीड़ितों ने सुनाई दास्ताँ

"जब ट्रॉली फँस गई थी तो तेज हवा और कुहासे के कारण बहुत डर लग रहा था। हम अपने परिवार के साथ बाबाधाम पूजा करने के लिए आए थे।"

झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के बाद बचाए गए लोग अब अपने साथ हुई आपबीती बयाँ कर रहे हैं। इसी क्रम में रोप वे की परिवार के 6 लोगों के साथ फँसे पीड़ित विनय कुमार दास ने बताया कि जब हम लोग ट्रॉली में फँसे हुए थे, तो हमने अपने पेशाब को बोतल में इकट्ठा किया था, ताकि अगर कुछ और समय तक हमें पानी न मिले तो उसे पी सकें।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मधुबनी जिले के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि रोपवे ट्रॉली में फँसे थे तो ऐसा लगा कि अब मैं नहीं बचूँगा, लेकिन बचाव दल ने में बचा लिया। एक अन्य ट्रॉली में फँसी लड़की ने अपने भयावह अनुभवों को साझा करते हुए कहा, ”ट्रॉली चलती तो डरती थी, वरना डर ​​नहीं होता, हम सब रात भर भूखे रहे, मंगलवार सुबह 11.30 बजे तक कुछ न कुछ खाया और पानी पिया।” लड़की ने आगे कहा, “हमें जब नीचे उतारा जा रहा था तो अच्छा लगा, लेकिन जब रस्सी बीच में रुकी तो लगा कि हम गिर जाएँगे।”

रेस्क्यू किए गए एक अन्य पर्यटक शुभम टिबड़ेवाल ने कहा, “जब ट्रॉली फँस गई थी तो तेज हवा और कुहासे के कारण बहुत डर लग रहा था। हम अपने परिवार के साथ बाबाधाम पूजा करने के लिए आए थे। ये पूजा का ही फल था कि भगवान ने आज इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद भी पूरे परिवार को बचा लिया। आज के बाद रोपवे में कभी नहीं चढ़ेंगे।”

क्या हुआ था

गौरतलब है कि रविवार (10 अप्रैल 2022) को रामनवमी होने के कारण बड़ी संख्या में लोग त्रिकुट पहाड़ पर पहुँचे थे। पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियाँ रवाना की गई थीं, जिससे रोपवे की तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियाँ पहाड़ से टकरा गईं, वहीं दो नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। हालाँकि, मंगलवार 45 घंटे के ऑपरेशन के बाद 48 में से 46 लोगों को बचा लिया गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -