बिहार में महिलाओं का सम्मान केवल एक भ्रम मात्र लगता है, इसका जीता-जागता सबूत है अररिया क्षेत्र की ममताकर्मियों द्वारा डीएम (ज़िलाधिकारी) को लिखी गई वो चिट्टी, जिसमें उन्होंने ख़ुद के प्रति हो रहे अभद्र व्यवहार के बारे में लिखा है। इस लिखित शिक़ायत में आधा दर्जन से अधिक ममताकर्मियों ने जोकीहाट रेफरल अस्पताल के प्रभारी मोहम्मद जावेद आलम द्वारा किए जाने वाले अभद्र, अमानवीय और अमर्यादित व्यवहार का ज़िक्र किया है।
ममताकर्मियों ने न्यूज़-18 से हुई बातचीत में आपबीती सुनाई। अस्पताल से अवैध उगाही न किए जाने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता है। ममताकर्मियों के अनुसार, मो. जावेद उनके बिल पास करवाने के बदले में एक रात उनके साथ सोने तक के लिए कहता है। ममताकर्मियों को तुच्छ समझते हुए उनसे गाली-गलौच के साथ बात करता है। इतना ही नहीं वो अस्पताल से अवैध रुपयों की उगाही करने का दबाव भी ममताकर्मियों पर बनाता है।
ममताकर्मियों ने मो. जावेद पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से वो नौकरी कर रही हैं तब से वो उनसे घूस ले रहा है। घूस के तौर पर जावेद ने कभी 1 लाख रुपए लिए तो कभी 30 हज़ार रुपए लिए। ममताकर्मी ने कहा, “अभी पेमेंट (सैलरी) नहीं बना रहा है, वही रुपया के कारण। पहले रुपया दो तब पेमेंट बनाएगा। गाली-गलौच करता है, हर तरह की बात बोलता है।” जावेद के बारे में बताते हुए ममताकर्मी ने कहा कि उसे किसी का डर नहीं है, वो कहता है कि CS क्या कर लेगा, DM क्या कर लेगा।
एक ममताकर्मी ने अस्पताल प्रभारी मो. जावेद के बारे में बताया कि वो एक मीटिंग में गईं थीं, जहाँ उनसे पूछताछ में बहस के बाद जावेद ने कहा, “तुम इतना बोलती हो, मारेंगे लात तो बाहर छिटका देंगे, निकाल देंगे।”
ममताकर्मियों के गंभीर आरोपों के संबंध में जब मो. जावेद आलम से पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों को नकार दिया और जाँच से नहीं डरने का दंभ भी भरा।
इस मामले पर अररिया सदर अस्पताल के ACMO डॉक्टर एमपी गुप्ता से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने सही जानकारी से अवगत कराने के बजाए पत्रकारिता का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। अपनी इस से हरक़त वो आरोपित को बचाते दिखे।