दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 51 साल के खूँखार अफीम तस्कर और 2 दोस्तों के हत्यारे मोहम्मद उमर को गिरफ्तार कर लिया है। उसने 2012 में अपने दूसरे दोस्त की हत्या के बाद उसके चेहरे पर तेजाब डाल कर जला दिया था, ताकि उसकी पहचान न होने पाए। इसके बाद उमर अपने परिवार समेत फरार हो गया था और नेपाल जाकर छिप गया था। करीब 12 साल तक उसकी तलाश की गई और उस पर 50 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था, जिसके बाद अब उसे आनंद विहार बस टर्मिनस इलाके से मुखबिर की सूचना पर पकड़ लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पकड़े गए अपराधी की पहचान मोहम्मद उमर उर्फ उमरदीन के रूप में हुई है जो उत्तर प्रदेश के बेहराइच का निवासी है। वह देश छोड़कर नेपाल चला गया था, जहां वह 12 वर्षों से फर्जी पहचान पत्र के साथ रह रहा था।
डीसीपी (स्पेशल सेल) अमित कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने जघन्य मामलों में शामिल घोषित अपराधियों और इनामी अपराधियों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है, जिनका लंबे समय से पता नहीं चल पाया था। पुलिस ने सोनिया विहार थाने में 2012 में दर्ज एक हत्या के मामले में वांछित एक ऐसे ही अपराधी मोहम्मद उमर की पहचान की और उसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। पुलिस को 16 जुलाई को उमर की गतिविधि के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और उपरोक्त इनामी अपराधी मोहम्मद उमर को चौधरी चरण सिंह सर्विस रोड, डीडीए कार्यालय, आनंद विहार बस टर्मिनल, दिल्ली के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
डीसीपी ने उमर के बारे में बताते हुए कहा कि आरोपित उमर नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के संपर्क में आया और 2010 में मादक पदार्थ अफीम की तस्करी में शामिल हो गया और लोगों को रियाल (सऊदी मुद्रा) बदलने का लालच देकर धोखा दिया। डीसीपी ने कहा, “वर्ष 2011 में उसे अमरोहा, उत्तर प्रदेश में आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद उसने नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के साथ फिर से मादक पदार्थ अफीम की तस्करी शुरू कर दी।” उसके साथियों नईम, तस्लीम और मोती ने उसे बताया कि मुकेश ने अमरोहा पुलिस को उसके बारे में जानकारी दी है। इसलिए मोहम्मद उमर ने नईम, तस्लीम और मोती के साथ मिलकर मुकेश को खत्म करने की योजना बनाई।
डीसीपी ने कहा, “नईम, तस्लीम और मोती ने बागपत उत्तर प्रदेश में मुकेश की हत्या की थी। इस मामले में नईम, तस्लीम और मोती को गिरफ्तार किया गया था। 2012 में उमर ने नईम के साथ मिलकर सोनिया विहार दिल्ली के इलाके में तस्लीम की हत्या कर दी थी और पुलिस को गुमराह करने और उसकी पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे पर तेजाब डालकर उसका चेहरा बिगाड़ दिया था।” इस घटना के बाद उमर अपने परिवार के साथ नेपाल भाग गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए छद्म पहचान के साथ वहाँ रहने लगा। वह रुपाड़िया सीमा पार नेपाल की तरफ रहता था और काम के सिलसिले में कभी-कभार भारत आता था।