हाल ही में ई-कचरे से सैंकड़ों ड्रोन बनाने का दावा करने के कारण विवादों में आए ड्रोन प्रताप को सोमवार (जुलाई 20, 2020) को थालगट्टापुरा पुलिस ने होम क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मैसूर से गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उनके ख़िलाफ़ इस संबंध में थालगट्टापुरा पुलिस थाने में डॉ एचएस प्रयाग ने एफआईआर दर्ज करवाई थी।
ड्रोन प्रताप के नाम से मशूहर हुए प्रताप एनएम अभी जल्द ही बिहार से हैदराबाद आए थे। उन्हें बेंगलुरु के थालगट्टापुरा में अधिकारियों ने होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए थे। मगर, उन्होंने ये निर्देश मानने की बजाय इनका उल्लंघन कर दिया और कन्नड़ के एक प्राइवेट टेलिविजन चैनल में साक्षात्कार देने चले गए।
इसके बाद पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की और सूचना पाते ही कि वे मैसूर में है, पुलिस ने बेंगलुरु के ब्रूहट महानगर पालिके (बीबीएमपी) और थालगट्टापुरा पुलिस थाने के अधिकारियों की एक टीम बनाई। फिर, मैसूर के मंडी मोहल्ला से उन्हें होम क्वारंटाइन कराने ले गई।
इस बात की पुष्टि डिप्टी कमिश्नर प्रकाश गौड़ा ने द हिंदू से बातचीत के दौरान स्वयं की। हालाँकि इसी के साथ पुलिस ने यह भी बताया कि ड्रोन प्रताप का अपराध जमानती है और उपयुक्त कार्रवाई के बाद प्रताप को छोड़कर उसे होम क्वारंटाइन में भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले ड्रोन बॉय के नाम से खूब चर्चा बटोरने वाले इस युवक ने दावा किया था कि उसने ई-कचरे और मिक्सर ग्राइंडर से 600 ड्रोन विकसित किए थे। प्रताप की इन कहानियों पर यकीन करते हुए कई ऐसे लेख सामने आए थे, जिनमें दावा किया जाने लगा कि प्रताप ने दुनिया भर के विभिन्न ड्रोन एक्सपो में कई स्वर्ण पदक जीते हैं।
दावा यह भी किया गया था कि 87 देशों द्वारा उसे आमंत्रित किया गया है, और अब पीएम मोदी के साथ ही डीआरडीपी से उन्हें काम पर रखने के लिए कहा गया है। जबकि वास्तव में यह सब सिर्फ एक काल्पनिक कहानी थी, जिस कहानी का निर्माण ड्रोन बॉय प्रताप एनएम ने ही किया था।
इसके बाद इन कहानियों से पर्दा तब उठा था जब तथाकथित ‘ड्रोन बॉय’ प्रताप एनएम द्वारा एक कन्नड़ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में अपने साथ ड्रोन की एक फोटो दिखाने और उसे अपने द्वारा बनाने के दावे के ठीक 2 दिन बाद ही उस ड्रोन के वास्तविक निर्माता ने प्रताप और उनके बीच इस ड्रोन के निर्माण को लेकर किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया।