केरल में सोमवार (6 जुलाई 2021) को एक बच्ची से बलात्कार करने और फिर उसकी हत्या करने के आरोप में डीवाईएफआई (DYFI) कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना इडुक्की जिले की है। केरल पुलिस ने सत्तारूढ़ माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक स्थानीय कार्यकर्ता को 6 साल की बच्ची से रेप करने के बाद कथित तौर पर उसकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपित 22 वर्षीय अर्जुन ने तीन साल तक बच्ची के साथ कई बार रेप की घटना को अंजाम दिया था। नाबालिग का शव उसके माता-पिता के घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह घटना 30 जून को हुई थी, शुरुआत में पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया था। हमें बताया गया था कि खेलते समय गलती से एक शॉल बच्ची के गले में बँध गई थी। उस दौरान बच्ची के माता-पिता घर पर नहीं थे।” हालाँकि, पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ है कि बच्ची के साथ लंबे समय से दुष्कर्म किया जा रहा था, जिससे पुलिस को इस मामले से जुड़ा एक अहम सुराग हाथ लगा।
पुलिस ने आगे कहा कि आरोपित ने कबूल किया कि उसने तीन साल तक बच्ची को मिठाई, टॉफी का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि 30 जून को जब बच्ची के माता-पिता घर पर नहीं थे, वह मौका पाकर वहाँ घुस गया। उसने बच्ची के साथ रेप किया, जिसके बाद जब वह बेहोश हो गई। इससे वह बेहद डर गया और अपना जुर्म छिपाने के लिए बच्ची की हत्या कर उसके शव को शॉल से बाँधकर कमरे में एक रस्सी से लटका दिया।
बता दें कि डीवाईएफआई के सदस्य अर्जुन तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता भी है। उसने महामारी के दौरान एक स्वयंसेवक के रूप में भी काम किया है।
महिला सहकर्मी का यौन शोषण करने के आरोप में माकपा नेता गिरफ्तार
हमने पिछले हफ्ते रिपोर्ट की थी कि केरल पुलिस ने दो सीपीएम नेताओं पीपी बाबूराज और टीपी लिजेश के खिलाफ एक महिला पार्टी कार्यकर्ता का यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज किया है। पार्टी की महिला कार्यकर्ता की शिकायत के अनुसार, मुलियेरी ईस्ट ब्रांच के सीपीएम सचिव बाबूराज ने तीन महीने पहले उनके घर में घुसकर उन्हें धमकी दी और रेप किया था। कथित तौर पर, बाबूराज ने उसे ब्लैकमेल करके उसका यौन उत्पीड़न करना जारी रखा, उसके पति को घटना के बारे में बताने की धमकी भी दी।
शिकायतकर्ता के अनुसार, लिजीश, जो उसी ब्रांच से सीपीएम का सदस्य भी है, ने भी उसे धमकी दी और ब्लैकमेल किया कि वह शिकायत न करे या घटना का खुलासा न करे। दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2), 354 (ए), 109 और 376 के तहत मामला दर्ज किया गया था।