झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) की खास और खान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव तथा झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (JSMDC) की प्रबंध निदेशक (MD) IAS पूजा सिंघल झा (Pooja Singhal Jha) और उनके करीबियों के करीब 20 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की।
इस छापेमारी में एजेंसी को लगभग 25 करोड़ मिले हैं। पैसों को गिनने के लिए मशीन मँगवाना पड़ा। खबर यह भी है कि पूजा के आवास से करीब 25 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। वहीं, कई मीडिया रिपोर्टंस में इसे पूजा के CA के यहाँ से 17 करोड़ जब्त होने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही सोरेन के करीबी कारोबारी अमित अग्रवाल के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई।
ससुर कामेश्वर झा गिरफ्तार
इसके अलावा, पूजा के पति अभिषेक झा के कई ठिकानों और ससुर के बिहार स्थित मुजफ्फरपुर और मधुबनी के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। बताया जा रहा कि झारखंड कैडर के इस IAS अधिकारी के ससुर कामेश्वर झा को उनके मधुबनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है। झा पहले दरभंगा के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी रह चुके हैं और पूजा के दूसरे पति अभिषेक झा के पिता हैं।
पति अभिषेक झा के ठिकानों पर भी छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक साथ झारखंड के राँची, धनबाद, खूँटी, जयपुर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, कोलकाता, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और दिल्ली-NCR में छापे मारे हैं।पूजा सिंघल ने IAS पति राहुल पुरवार से तलाक लेने के बाद व्यवसायी अभिषेक झा से शादी की है। ED ने अभिषेक झा के राँची में काँके रोड के चाँदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग और बरियातू के पल्स अस्पताल में भी छापेमारी की।
ED ने मनरेगा घोटाले के एक मामले के संबंध में की है। ED ने झारखंड उच्च न्यायालय को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपए के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थीं। इस मामले में वहाँ के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने ED को बताया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुँचती थी।
बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार ने पूजा सिंघल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर ED को शिकायत भी सौंपी थी। फरवरी 2022 को भेजे गए अपनी शिकायत में राजीव ने आरोप लगाया था कि पूजा अपनी मर्जी से रेत खनन के ठेके अपने पसंद के ठेकेदारों को ही दे रही हैं।
जब पूजा के सामने ही एक फरियादी ने CM को बताया था रिश्वत लेने में उनका नाम
पूजा सिंघल पर रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं। एक बार उनके सामने ही एक व्यक्ति ने उनका नाम ले लिया था। सोरेन से पहले राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी। उस समय रघुवर दास सूचना भवन में जनसंवाद का आयोजन कर आम लोगों से मिलते थे। इसी दौरान धनबाद का एक व्यक्ति उनसे मिलने आया।
धनबाद से आए उस व्यक्ति ने रघुवर दास को बताया कि धनबाद मार्केटिंग बोर्ड में उसकी दुकान है और अधिकारी उससे पैसे माँगता है। वह अधिकारी कहता है कि पैसा ऊपर तक जाता है। राँची में कोई मैडम हैं पूजा सिंघल, उनके पास भी पैसा पहुँचाना पड़ता है। फरियादी जब यह बात कह रहा था, उस वक्त पूजा सिंघल रघुवर दास के साथ ही मौजूद थीं। इस वाकए को सुनकर वह सकपका गईं और शर्म से गड़ गईं। उस समय पूजा सिंघल कृषि सचिव थीं।
पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। उन पर राज्य के चतरा, खूंटी और पलामू जिले में उपायुक्त रहने के दौरान कई वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम देने के आरोप हैं। खूंटी में मनरेगा योजना में 18.06 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ, उस वक्त पूजा सिंघल वहाँ उपायुक्त थी। वहीं, चतरा में अगस्त 2007 से 2008 तक पूजा सिंघल उपायुक्त थीं और वहाँ भी उन पर अनियमितता करने के आरोप हैं।
पलामू में उपायुक्त रहने के दौरान उन्होंने करीब 83 एकड़ भूमि एक निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर कर दी। पूजा सिंघल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके भाई और करीबियों को कौड़ियों के भाव में खान आवंटित करने का आरोप हैं।