लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा EMI पर मिली छूट (मोरेटोरियम) ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को काफी राहत देने का काम किया। वहीं ऐसे समय पर भी एक बड़ा वर्ग ऐसा भी रहा, जिसने सुविधा का फायदा नहीं उठाया और ईमानदारी से अपनी EMI भरी। वहीं अब सरकार ने उपहार के तौर पर ऐसे लोगों को कैशबैक देने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम का फायदा 2 करोड़ तक का लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को होगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार (24 अक्टूबर, 2020) को कहा कि अगर किसी कर्जदार ने लोन मोरेटोरियम के दौरान लगातार किस्त चुकाई है तो उसे बैंक से अनुग्रह राशि (Ex Gratia) या कैशबैक मिलेगा। 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज लेने वाले छोटे उद्यमी या व्यक्तियों को इसका फायदा मिलेगा। बता दें कि सरकार ने 2 करोड़ तक के लोन पर मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज में छूट की घोषणा की थी।
यानी, सरकार की इस स्कीम के तहत, 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक की लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ग्राहकों से ब्याज पर वसूला गया ब्याज वापस किया जाएगा।
Loans for MSME, education, housing, consumer durables, credit card dues, automobiles, along with personal loans and consumption loans up to Rs 2 crores eligible under the scheme. https://t.co/bFAw21wWE6
— ANI (@ANI) October 24, 2020
इस स्कीम के तहत कर्जदारों को छह महीने के सिंपल लोन इंट्रेस्ट में डिफरेंस का लाभ मिलेगा। ऋणदाताओं में बैंक, सरकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं। साथ ही 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज पर छह महीने के लिए दी गई मोहलत के दौरान संचयी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान सरकार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आरबीआई की तरफ से कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत के तहत 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज पर ब्याज छूट योजना को जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया था। उसके बाद यह दिशानिर्देश आया है।
वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कर्जदार संबंधित ऋण खाते पर योजना का लाभ ले सकते हैं। यह लाभ एक मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 की अवधि के लिए है। इसके अनुसार जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी तक कुल ऋण 2 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है, वे योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र होंगे।
इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), टिकाऊ उपभोक्ता सामन के लिए लिया गया कर्ज और खपत के लिये लिया ऋण आएगा।
दिशानिर्देश के अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थान पात्र कर्जदारों के ऋण खाते में मोहलत अवधि के दौरान ब्याज के ऊपर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि डालेंगे। यह उन सभी पात्र कर्जदाताओं के लिये है, जिन्होंने आरबीआई द्वारा 27 मार्च, 2020 को घोषित योजना के तहत पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्ज लैटाने को लेकर दी गयी छूट का लाभ उठाया।
वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के खाते में रकम डालकर उसके भुगतान के लिए केंद्र सरकार से दावा करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकारी खजाने पर इस योजना के क्रियान्वयन में 6,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।