पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक महीने पहले नीलरतन सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने मुर्दाघर में डोम (शवों को सँभालने) के लिए छह पदों पर भर्ती निकाली थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन छह पदों के लिए लगभग 8,000 लोगों ने आवेदन किया, जिनमें इंजीनियर से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट भी शामिल हैं।
भर्ती की अधिसूचना के अनुसार, इस पद के लिए कम-से-कम आठवीं पास और उम्र सीमा 18-40 साल होना अनिवार्य है। वहीं, इस पद के लिए मासिक वेतन 15,000 रुपए है। इसके बावजूद 100 इंजीनियर, 500 पोस्ट ग्रेजुएट और 2,000 से अधिक ग्रेजुएट लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किया।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि उच्च डिग्री वाले उम्मीदवारों का इन पदों पर आवेदन करना पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी की दयनीय स्थिति को दर्शाता है। वहीं, अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कुल आवेदकों में से 84 महिला उम्मीदवारों समेत 784 लोगों को 1 अगस्त 2021 को होने वाली लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया है।
अधिकारी ने कहा, “नौकरी के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा थी। इसका मतलब यह नहीं है कि उच्च शिक्षा वाले उम्मीदवार नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। अगर पोस्ट ग्रेजुएट और इंजीनियर नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते।”
नोटिस में अस्पताल के अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि आवेदकों की आयु 18 से 40 के बीच होनी चाहिए और यदि उनके पास मुर्दाघर में काम करने का अनुभव है तो इसे उनका प्लस प्वॉइंट माना जाएगा। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर उम्मीदवार डोम कम्युनिटी से हैं तो वह उनकी पहली पसंद होंगे।
गौरतलब है कि साल 2017 में मालदा अस्पताल के अधिकारियों ने ऐसे ही दो पदों के लिए आवेदन माँगा था। उस पद के लिए पोस्ट ग्रेजुएट के साथ-साथ पीएच.डी. डिग्रीधारी अभ्यार्थियों ने भी आवेदन किया था। इसी तरह साल 2019 में कूचबिहार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 8 पदों के लिए कई पोस्ट ग्रेजुएट लोगों ने आवेदन किया था।
बताया जा रहा है कि कोलकाता के सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उच्च शिक्षित हजारों उम्मीदवारों के आवेदन मिलने के बाद अधिकारियों ने इस पद के लिए होने वाले वॉक-इन-इंटरव्यू को रद्द कर दिया था।