महाराष्ट्र के धुले जिले की सत्र अदालत ने शनिवार (अगस्त 31, 2019) को ‘घरकुल’ आवास घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्रियों सुरेश जैन और गुलाबराव देवकर को दोषी ठहराया। अदालत ने सुरेश जैन को 7 साल और एनसीपी नेता गुलाबराव देवकर को 5 साल जेल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश सृष्टि नीलकंठ ने 29 करोड़ रुपए के आवासीय परियोजना घोटाले के मामले में सुरेश जैन को 7 साल की सजा सुनाने के साथ ही उन पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, गुलाबराव देवकर को 5 साल की जेल की सजा के साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। मामले में 46 अन्य आरोपितों को 3 से 7 साल तक की सजा सुनाई गई है।
फैसला सुनाने के तुरंत बाद अदालत में मौजूद सभी 48 आरोपितों को हिरासत में ले लिया गया। अन्य दोषियों में दो बिल्डरों, जलगाँव नगरपालिका परिषद (जेएमसी) के एक मुख्य अधिकारी, नौ पूर्व परिषद अध्यक्ष, 3 महापौर और एक मौजूदा विधायक शामिल हैं। सभी आरोपितों को जलगाँव पुलिस ने हिरासत में लिया।
अदालत ने जेएमसी के पूर्व मेयर प्रदीप रायसोनी को 7 साल की जेल की सजा सुनाई और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। जेएमसी के मुख्य अधिकारी पीडी काले और विधायक चंद्रकांत सोनवणे को 5 साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। बिल्डरों को 7 साल की जेल और 40 करोड़ रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई गई।
गौरतलब है कि, यह घोटाला 1999 का है, जब JMC ने जलगाँव शहर में झुग्गियों में रहने वालों के लिए 11,424 सस्ते घर बनाने का टेंडर निकाला था। एनसीपी नेता देवकर को मई 2012 में गिरफ्तार किया गया था। जमानत मिलने से पहले वह तीन साल जेल में रह चुके हैं। वह 1995 से 2000 के बीच जलगाँव नगर परिषद में पार्षद थे। उन पर एक बिल्डर का पक्ष लेने और 29 करोड़ रुपए की अनियमितता में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था।
वहीं, सुरेश जैन को मार्च 2013 में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट से जमानत मिलने से पहले वह एक साल के अधिक समय जेल में काट चुके हैं। जैन ने खंडेश बिल्डर्स का पक्ष लिया था, जिन्हें घरकुल योजना के ठेका दिया गया था। जलगाँव के पूर्व नगर आयुक्त प्रवीण गेडाम ने फरवरी 2006 में इस संबंध में शिकायत दर्ज की थी। जलगाँव के बाहरी इलाके में बनाए जाने वाले 5,000 घरों में से केवल 1,500 घरों का ही निर्माण पूरा हो पाया था।