केरल में सिस्टर लूसी कलपूरा को रोमन कैथोलिक चर्च के अंतर्गत आने वाले ‘द फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा’ (एफसीसी) से निष्कासित कर दिया गया है। जिसे लेकर उन्होंने चर्चों की महासभा को एक पत्र लिखा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में सिस्टर लूसी ने लिखा है कि उन्हें पोप फ्रांसिस के सामने अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
Earlier, the Vatican had rejected her appeal against her dismissal from the Franciscan Clarist Congregation. She is one of the nuns who had participated in the protest against rape accused Franco Mulakkal. https://t.co/qQwM53u4pD
— ANI (@ANI) October 29, 2019
बता दें कि इससे पहले वेटिकन ने उनकी उस अपील को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा से निष्कासित किए जाने के खिलाफ अपील की थी। लूसी उन ननों में शामिल हैं जिन्होंने दुष्कर्म के आरोपित पूर्व बिशप फ्रांको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि केरल नन रेप मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने की कोशिश करने के आरोप राज्य की वामपंथी सरकार और प्रशासन पर पहले भी लगते रहे हैं। मीडिया की खबरों के मुताबिक आरोपित बिशप को नोटिस जारी करने के बाद केरल पुलिस के एक अधिकारी का तत्काल तबादला कर दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिसटर लूसी के खिलाफ कार्रवाई कविता प्रकाशित करने, कार खरीदने और दुष्कर्म के आरोपित पूर्व बिशप के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने की वजह से की गई है। बता दें कि अलुवा आधारित धर्मसभा की प्रमुख एन जोसफ की ओर से पाँच अगस्त को नन लूसी कलाप्पुरा को पत्र जारी कर जवाब माँगा गया था। पत्र में उठाए गए सवालों ‘द फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा’ के नियमों का उल्लंघन करने वाली जीवनशैली अपनाने के मामले में संतोषजनक जवाब देने में असफल रही थीं। लिहाजा उन्हें धर्मसभा से बर्खास्त करने का फरमान सुनाया गया है।
पत्र में लिखा गया था कि उन्हें उचित समय पर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई अफ़सोस व्यक्त नहीं किया। लिहाजा 11 मई को धर्मसभा की आम परिषद की बैठक में कलाप्पुरा को ‘सर्वसम्मति’ से बर्खास्त करने का फैसला किया गया। कलपूरा को जनवरी में जारी नोटिस में एफसीसी ने ड्राइविंग लाइसेंस लेने, कार खरीदने, ऋण लेने, किताब प्रकाशित करने और वरिष्ठों की जानकारी के बिना धन व्यय करने के नियमों का उल्लंघन करार दिया था।
बता दें कि इससे पहले आरोपित बिशप पर एक नन ने मानसिक तौर पर उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया था। जिस मामले में अदालत ने मुलक्कल को 11 नवंबर को तलब किया है। मानसिक उत्पीड़न को लेकर नन ने मंगलवार (23 अक्टूबर 2019) को केरल महिला आयोग के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक नन को मुलक्कल और उसके लोग सोशल मीडिया के जरिए बदनाम कर रहे हैं।