नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ जामिया से लेकर राजघाट तक हुए पैदल मार्च के दौरान एक युवक ने बीच सड़क पर आकर गोली चला दी। युवक ने खुद का नाम गुलशन (बदला हुआ नाम) बताया। हालाँकि, इससे पहले ये मालूम चल पाए कि गुलशन ने ऐसा किसी के कहने पर किया या फिर अपनी मर्जी से। सोशल मीडिया पर लिबरल गिरोह सक्रिय हो गया और तुरंत गुलशन को पहले संघी आतंकी करार दिया गया और फिर भाजपा को घेरा जाने लगा।
इसी बीच गुलशन के फेसबुक अकॉउंट के पोस्ट भी वायरल होने लगे। इसलिए हमने भी गुलशन के अकॉउंट की पड़ताल की, जिसे देखकर कई चीजें पता चलीं। गुलशन के फेसबुक अकॉउंट पर दावा किया गया कि उसने ये हरकत चंदन गुप्ता की मौत का बदला लेने के लिए की। वही चंदन गुप्ता, जिसे कुछ समय पहले तिरंगा यात्रा के दौरान मुस्लिमों ने मार दिया था। गुलशन ने मार्च में शामिल में ये हरकत करने से पहले फेसबुक पर लिख दिया था, “चंदन भाई ये बदला आपके लिए है।”
इसके अलावा वो आज सुबह 11 बजे से ही फेसबुक पर सक्रिय था। वो उसने अपने मित्र सूची में सभी को उसे सी फर्स्ट करने के लिए कह रहा था। उसने शाहीन बाग पर जाकर सबसे पहले एक बुजुर्ग सीएए समर्थक की तस्वीर शेयर की थी और फिर वहाँ के माहौल को फेसबुक लाइव किया।
उसने अपनी फेसबुक पर लिखा था कि उसके घर का ध्यान रखा जाए और उसकी अंतिम यात्रा में उसे भगवे में लेकर जाया जाए। फेसबुक लाइव के अलावा उसने अपने आखिर पोस्ट में शाहीन बाग का खेल खत्म लिखा था। उसने लिखा था कि मार्च में कोई हिंदू मीडिया नहीं है।
लेकिन, इन सब पोस्टों के अलावा यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि गुलशन के नाम के इस ऑउंट को इसी साल जनवरी से एक्टिव किया गया है। इससे पहले साल 2019 में एक कवर फोटो अपलोड हुई थी। और साल 2018 का कोई भी पोस्ट विजिबल नहीं हैं। जिससे इस पूरी प्रोफाइल पर संदिग्धता बनी हुई हैं।
हालाँकि सारा सच क्या है, इसका खुलासा पूछताछ के बाद ही होगा। लेकिन जिस तरह से भाजपा पर निशाना साधने के लिए गुलशन के फेसबुक पोस्टों का सहारा लिया जा रहा है। उन पोस्टों से यही पता चलता है कि उसने ये कदम आवेश में आकर उठाया।
FB profile of this “Rambhakt Gopal” has only posts from January, just. Cover pic update from October before that… All posts of course similar to “हिंदू ख़तरे में है” type..।
— Gappistan Radio (@GappistanRadio) January 30, 2020
Make of that what you will
एक तरह से देखा जाए तो ये पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है जब वह हवा में पिस्तौल लहरा रहा था तो उस समय मीडिया के कई लोग बेख़ौफ़ उसका वीडियो बनाने के लिए वहाँ मौजूद हैं। मानो सबकुछ पहले से प्लान है। हालाँकि, पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया लेकिन पुलिस की कस्टडी में उसके होने के बावजूद उसकी फेसबुक प्रोफाइल डिलीट कर दी गई। जिससे इस बात का संदेह और पुख्ता हो जाता है कि गुलशन का फेसबुक पेज कोई और चला रहा था।
अपडेट: नई सूचनाओं के आने से हमें पता चला है कि जामिया में गोली चलाने का आरोपित नाबालिग है, अतः सम्बद्ध कानूनों के अनुसार उसका नाम बदल दिया गया है।