तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार (23 दिसंबर, 2020) को 28 वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं अब इस विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि कानून के समर्थन में 20 राज्यों के 3,13,363 किसान सामने आए हैं।
दरअसल, किसान दिवस के अवसर पर ग्रामीण भारत के कई एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ कृषि मंत्री ने बैठक की। इन प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को कृषि कानून के समर्थन में एक लाख गाँवों के 3,13,363 किसानों के हस्ताक्षर वाले समर्थन पत्र सौंपे है।
Delhi: Representatives of Confederation of NGOs of Rural India met Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar & MoS Agriculture Kailash Choudhary & submitted 3,13,363 signatures taken across 1 lakh villages in support of Centre’s three Farm laws https://t.co/ppSvsmRT97 pic.twitter.com/UYNlo8tpvx
— ANI (@ANI) December 23, 2020
किसानों के समर्थन की जानकारी देते हुए तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में 6 साल में काफी सुधार किए गए हैं। देश में दो परिस्थितियाँ हैं। किसानों का अधिकांश भाग इन कानूनों का समर्थन कर रहा है। आज सभी किसान चिंतकों की टोली आई है। देश भर में कानून पास होने के बाद 3 लाख से ज्यादा किसानों के हस्ताक्षर मिले हैं।
कृषि मंत्रालय के कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने बुधवार को बताया कि किसान दिवस के अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक की।
बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र देते हुए किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून पूरी तरह किसानों के हित में हैं। वे इन कानूनों का समर्थन करते हैं और वे इन बिलों को वापस लेने वाले माँग के खिलाफ है।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब और हरियाणा के परेशान किसान जिंदगी का असली मजा लेते हुए देखे जा रहे हैं। जिस तरह की तस्वीरें धरना प्रदर्शन स्थलों से आ रही हैं, ऐसा लगता नहीं है कि ये किसान जल्दी ही किसी नतीजे पर पहुँचने के मूड में हैं।
हाई-टेक मसाज और टैटू पार्लर, जिम लंगर, लाइब्रेरी, पिज्जा और बिरयानी के बाद, अब कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जहाँ प्रदर्शनकारी किसान अपने ट्रैक्टरों में आराम से बैठे टेलीविजन देख रहे हैं। यही नहीं, अपने टीवी देखने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए, ‘किसानों’ ने ‘टाटा स्काई’ भी लगावा लिया है।