खुद को मानवाधिकारों का पहरुआ बताने वाले एमनेस्टी इंडिया (Amnesty India) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरी है। ED ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIIPL) पर 51.72 रुपए और उसके पूर्व CEO आकार पटेल पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
The Adjudicating Authority of ED has adjudicated a SCN issued to M/s Amnesty India International Pvt. Ltd.(AIIPL) and its CEO Shri Aakar Patel for contravention of the provisions of FEMA and imposed penalty of Rs. 51.72 Crore and Rs 10 Crore respectively.
— ED (@dir_ed) July 8, 2022
ईडी को जानकारी मिली थी कि एमनेस्टी इंटरनेशनल, यूके विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRN) से बचने के लिए FDI के रास्ते अपनी भारतीय संस्थाओं (गैर-एफसीआरए कंपनियों) को बड़ी मात्रा में विदेशी फंड भेज रहा था। इस बात की जैसे ही जाँच एजेंसी को पता चली, उसने एमनेस्टी पर निगाह रखनी शुरू कर दी।
ईडी का कहना है कि इसके पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) और अन्य ट्रस्टों के पंजीकरण या अनुमति से इनकार से इनकार कर दिया था। इसके बाद बावजूद एमनेस्टी इंडिया FCRN का उल्लंघन करते हुए भारत में एनजीओ गतिविधियों का विस्तार करने के लिए विदेशों से भारत मात्रा में धन ले रहा था।
ईडी ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा था कि नवंबर 2013 और जून 2018 के बीच की अवधि में एमनेस्टी इंडिया द्वारा भारी धन लिया गया। उसने इसे विदेश में व्यापार/प्रबंधन परामर्श और जनसंपर्क सेवाओं के तौर पर दिखाया। ईडी का कहना है कि एमनेस्टी इंडिया और कुछ नहीं, बल्कि इसके जरिए विदेशियों से राशि ले रहा था, जो कि FEMA के प्रावधानों का उल्लंघन है।
एमनेस्टी इंडिया से जवाब मिलने के बाद ईडी के निर्णायक प्राधिकरण ने माना है कि एमनेस्टी इंडिया और कुछ नहीं, बल्कि भारत में अपनी गतिविधियाँ चलाने वाला एमनेस्टी इंटरनेशनल लिमिटेड, यूके की एक इकाई है। एमनेस्टी इंडिया ऐसी कई सारी गतिविधियों में शामिल है, जो उसके द्वारा घोषित वाणिज्यिक व्यापार के तहत नहीं आता है।
ईडी का कहना है कि यह सब एफसीआरए जाँच से बचने के लिए व्यावसायिक गतिविधियों की आड़ में विदेशी धन को रूट करने के लिए यह मॉडल लागू किया गया है। माना जाता है कि 51,72,78,111.87 रुपये का जो फंड एमनेस्टी इंडिया को भेजा गया वह भारत में उसकी गतिविधियों को चलाने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा भेजा गया था।