राजस्थान से पहली बार ऐसी खबर सुनने में आई है जहाँ 150 से ज्यादा महिलाओं को एक साथ फोन कॉल के जरिए प्रताड़ित किया जा रहा है। जी हाँ, राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसरों को इन दिनों फोन कॉल के जरिए बलात्कार की धमकियाँ मिल रही हैं, जिसके चलते विश्वविद्यालय की लगभग 65 टीचरों ने इस मामले में पुलिस को कंप्लेंट दी है। उन्होंने बताया है कि उनके साथ-साथ उनके बच्चों को भी मारने की धमकी दी जा रही है। इन फोन कॉल्स के कारण सभी पीड़ित महिला प्रोफेसर काफ़ी डरी और सहमी हुई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए वक्त माँगा है। इनमें से कई महिलाओं ने तो यूनिवर्सिटी भी आना बंद कर दिया है।
आजतक की खबर के अनुसार महिलाओं का कहना है कि उन्हें ये फोन कॉल किसी भी समय आ जाता है। चाहे फिर सुबह हो या आधी रात। फोन करने वाला शख्स महिलाओं से अश्लील बातें करता है और उनके साथ दुष्कर्म करने की धमकी देता है। इतना ही नहीं, इन महिलाओं को घर पर कैश ऑन डिलीवरी गिफ्ट भेजने के साथ बलात्कार की धमकियाँ भी दी जा रही हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में इन दिनों काफ़ी असहजता का माहौल बना हुआ है। यूनिवर्सिटी ने इन घटनाओं के कारण अपनी वेबसाइट से सभी महिला प्रोफेसरों के फोटो, मोबाइल नंबर, अड्रेस और दूसरी जानकारियाँ भी डिलीट कर दी हैं। जयपुर में लड़कियों के सबसे बड़े महाविद्यालय महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि इस मामले में पीड़ित प्रोफेसरों की संख्या 150 के आसपास पहुँच गई हैं। ये बेहद गंभीर मामला है।
गौरतलब है राजस्थान यूनिवर्सिटी के 35 विभागों में 230 महिला प्रोफेसर हैं। इनमें से लगभग 150 ने ऐसे मामलों की शिकायत प्रशासन से की है। इन सभी मामलों को पुलिस ने महेश नगर और गाँधी नगर थाने में दर्ज किया है। पुलिस ने बताया है कि अपराधी एक खास सॉफ्टवेयर से इंटरनेट के जरिए कॉल कर रहे हैं, जिस कराण उनका नंबर ट्रेस नहीं हो रहा रहा है, लेकिन आईटी एक्सपर्ट इसकी जाँच में जुटे हुए हैं।
इसके अलावा पुलिस ने कुछ नंबर जारी करते हुए उनसे एहतियात बरतने की सलाह दी है और कहा है कि अगर ये नंबर (+1226 793577, +92310 773 052, +1052 428 332, +1313 497 930) से कॉल आए तो सीधे पुलिस को फोन करें।
बता दें कि यौन उत्पीड़न संबंधी मामले में सिर्फ़ राजस्थान यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर ही नहीं, बल्कि छात्राओं ने भी शिकायत दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि उन्हें विश्वविद्यालय के गेट पर ही अक्सर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, लेकिन फिर भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।