मध्य प्रदेश के उज्जैन और शाजापुर जिले में बच्चों को स्कूलों में सैंटा क्लॉज बनाना महंगा पड़ सकता है। वहाँ किसी भी बच्चे को सैंटा क्लॉज वगैरह बनाने के लिए परिजनों की लिखित सहमति जरूरी कर दी गई है। अगर परिजनों की सहमति के बिना किसी बच्चे के सैंटा क्लॉज बनाया जाता है, तो उससे होने वाले विवाद की जिम्मेदारी उक्त स्कूल की होगी। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ पत्र जारी किया गया है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, बीआरसी संजय शर्मा ने बताया कि डीईओ द्वारा जारी पत्र में सभी संस्था प्रमुख एवं संचालक को साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या विवाद संज्ञान में आने पर संबंधित स्कूल/ शैक्षणिक संस्था के विरुद्ध एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। यह पत्र जारी होने के बाद निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
बताया जा रहा है कि उज्जैन में इस तरह का आदेश पहली बार जारी किया गया है। हालाँकि उज्जैन से पहले शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी भी ऐसा पत्र जारी कर चुके हैं।
शाजापुर में इस तरह का आदेश 14 दिसंबर को ही जारी कर दिया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर वो वायरल अब हो रहा है। पत्र में लिखा है, “आगामी क्रिसमस के अवसर पर आपके विद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले एवं क्रिसमस ट्री, सैंटा क्लॉज, विविध वेशभूषा एवं अन्य कोई पात्र बनाए जाने के लिए आपके द्वारा चयनित छात्र /छााओं को उनके अभिभावक से लिखित अनुमति प्राप्त करके ही बनाया जाए।”
पत्र में आगे लिखा है, “किसी भी स्थिति में बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के किसी भी छात्र-छात्रा की उक्त आयोजन में सहभागिता न कराई जाए, जिससे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित न हों। इस संबंध में यदि किसी भी प्रकास की शिकायत या विवाद संज्ञान में आने पर आकी संस्था के विरुद्ध एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी, जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व आप स्वयं का होगा। उपरोक्त पत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देवें।”