उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पुलिस स्टेशन की जमीन को कब्ज़ा कर के मजार बनाने का मामला सामने आया है। यह मजार अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद बनाई गई थी। इस जगह पुलिस कॉन्स्टेबलों के रहने के लिए बैरकों का निर्माण होना था। अब पुलिस ने इस मामले में पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। FIR में नामजद मारूफ नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
यह FIR सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को दर्ज हुई है। ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर और उसके साथियों के खिलाफ पहले से 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
अखिलेश सरकार में MLA ने डराया पुलिस को
यह मामला बलरामपुर जिले के थाना सदुल्लाहनगर का है। यहाँ सोमवार को लेखपाल सुनील कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में सुनील ने बताया कि साल 2013 में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने धोखाधड़ी करते हुए पुलिस स्टेशन के नाम दर्ज जमीन को हड़पने की साजिश रची थी। तब सपा विधायक ने थाने और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को अपने रसूख से डराया और धमकाया था। थाने की जमीन पर एक मजार बना दी गई। इसका नाम ‘मजार शरीफ शहीद ए मिल्ल्त अब्दुल कुद्दूस शाह रहमतुल्लाह अलैह’ दिया गया।
बननी थी सिपाहियों की बैरकें, बना दी मजार
आनन-फानन में इस मजार की समिति भी बना डाली गई और सपा विधायक आरिफ के सगे भाई मारूफ को इसका मुतवल्ली भी नियुक्त कर दिया गया। आरिफ अनवर ने विधायक रहते हुए थाने की सरकारी जमीन को मजार शरीफ बाबा शहीद ए मिल्ल्त के नाम से कागजातों में दर्ज करवा दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार, जहाँ यह मजार बनवाई गई वहाँ कानून-व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से पुलिस के सिपाहियों की बैरकों का निर्माण होना था। इसे आम जनता में डर बिठाने और सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने वाली हरकत करार दिया गया है।
गरीबों की जमीनों को भी हड़पने की थी तैयारी
शिकायतकर्ता लेखपाल ने सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी को घोषित भू-माफिया बताया है। पुलिस स्टेशन की जमीन पर कब्ज़ा कर के मजार बनाने के पीछे कमजोर और गरीब लोगों की जमीनों को औने-पौने दाम पर हड़पने की साजिश बताया गया है। सुनील कुमार ने यह भी बताया कि आरिफ और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों पर पहले भी मुकदमे दर्ज हैं। शिकायत में आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की गई है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।
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— BALRAMPUR POLICE (@balrampurpolice) April 2, 2024
थाना सादुल्लानगर पुलिस टीम द्वारा भू-माफिया को किया गया गिरफ्तार,
उक्त गिरफ्तार अभियुक्त को मा0न्यायालय रवाना किया गया ।। pic.twitter.com/xAN1TLkhvr
पुलिस ने इस मामले में सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, उनके भाई मारूफ अनवर, आरिफ के परिवार के कुछ अन्य अज्ञात लोग और मज़ार के लिए बनी समिति के अज्ञात सदस्यों पर FIR दर्ज कर ली है। इन सभी पर IPC की धारा 420, 468, 120- बी, 186 और 434 के साथ सार्वजानिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3/4 के तहत कार्रवाई की है। मंगलवार (2 मार्च, 2024) को पुलिस ने दबिश दे कर मारूफ को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है। FIR में नामजद अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
झूठ को सच साबित करने के लिए अपनाए कई हथकंडे
ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपितों द्वारा इस पूरे मामले को कानूनी झमेलों में फँसाए रखने की पूरी कोशिश की गई थी। मजार के मुतवल्ली मारूफ ने जिला अदालत सहित हाईकोर्ट तक पुलिस के खिलाफ शिकायतें दीं। इन शिकायतों में उन्होंने खुद को सही और पुलिस व जिला प्रशासन को गलत ठहराने की भरपूर कोशिशें की। अंत में हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर 2023 को SDM उतरौला को आदेश दिया था कि वो इस मामले का 3 महीने के अंदर निस्तारण करें।
SDM उतरौला ने 19 मार्च 2024 को अपना आदेश सुनाया। इस आदेश में कागजातों की जाँच के बाद मजार समिति के तमाम दावों को गलत ठहराया गया। आखिरकार पुलिस ने धोखाधड़ी कर के मजार के नाम पर थाने की जमीन हड़पने वाले आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर के धरपकड़ शुरू कर दी है। मामले में मुख्य आरोपित पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी अखिलेश यादव के काफी करीबी लोगों में गिने जाते हैं।
होने लगा था उर्स और बुलाए जाते थे बाहर से मौलवी
हमें मिली जानकारी के मुताबिक, महज 10 साल पहले बनी इस मजार पर उर्स तक का आयोजन किया जाने लगा था। दूर-दूर से यहाँ मौलवियों का आना-जाना शुरू हो गया था। जायरीनों की भी भीड़ जुटाई जाने लगी थी। यहाँ लोगों को झाड़-फूँक के नाम पर उनके दुःख-दर्द दूर होने के दावे भी किए जाने लगे थे। चादरपोशी की भी शुरुआत हो चुकी थी। बेहद कम समय में मजार को पक्की भी कर के उसका दायरा बढ़ाने की भी कोशिश की गई थी।