झारखंड के गिरडीह में एक दलित महिला को पेड़ से बाँध कर पीटने का मामला सामने आया है। पिटाई के बाद पीड़िता के कपड़े भी फाड़ दिए गए। घटना के पीछे की वजह अवैध संबंधों को बताया जा रहा है। पीड़िता ने आरोपितों के नाम पुलिस को बताए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। अब तक 4 गिरफ्तारियाँ की गईं हैं जिसमें 2 महिलाएँ भी शामिल हैं। घटना बुधवार (26 जुलाई, 2023) रात की बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला गिरडीह जिले के थाना क्षेत्र सरिया का है। यहाँ के कोबडिया टोला इलाके में रहने वाली दलित समुदाय की एक महिला को बुधवार रात एक कॉल आई। फोन करने वाले ने महिला को घर से बाहर बुलाया। जब महिला घर से बाहर निकली तो उसे बाइक पर बैठे 2 युवक दिखाई पड़े। दोनों ने महिला का अपहरण कर लिया। आरोप है कि दोनों बाइक सवार पीड़िता को अपने साथ जंगल ले गए। जंगल पीड़िता के घर से लगभग आधा किलोमीटर दूर था। यहाँ कुछ अन्य लोग पहले से मौजूद थे जिसमें महिलाएँ भी शामिल थीं।
पीड़िता का आरोप है कि जंगल में उसे पेड़ से बाँध कर मुँह में कपड़ा ठूँस दिया गया। इसके बाद पीड़िता को बेरहमी से पीटा गया। पिटाई के दौरान उसके कपड़े फाड़ दिए गए। अधिक चोट लगने की वजह से जब पीड़िता बेहोश हो गई तो आरोपित उसे जंगल में ही पेड़ से बँधा छोड़ आए। सुबह ग्रामीणों को किसी घायल महिला के निर्वस्त्र पेड़ से बँधे होने की जानकारी मिली तो वो मौके पर पहुँचे। महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ उसका इलाज चल रहा है। मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी गई।
सरिया थाना कांड संख्या 122/23 दिनांक 27/07/23, ग्राम कोबड़ीया टोला जंगल में एक महिला के साथ मारपीट मामले में त्वरित कार्रवाई कर मामले संलिप्त चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। @JharkhandPolice @amolhomkar_IPS pic.twitter.com/T6xySeOd2g
— GIRIDIH POLICE (@GIRIDIHPOLICE) July 28, 2023
पीड़िता ने पुलिस को दिए गए बयान में आरोपितों के नाम भी बताए हैं। इस बयान के आधार पर अब तक विकास कुमार सोनार, श्रवण सोनार, रेखा देवी और मुन्नी देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता का अवैध संबंध दूसरे गाँव के एक युवक के साथ था। इस रिश्ते के दोनों ही परिवार के लोग विरोध कर रहे थे। मामले को पहले समझा-बुझा कर निबटाने का प्रयास किया गया। हालाँकि, जब इस से बात नहीं बनी तो एक पक्ष के लोगों ने पीड़िता के साथ अमानवीयता की।