Sunday, December 22, 2024
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कोर्ट में जमा नहीं हुई जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट, संभल हिंसा में सूफियान और शारिक सहित 4 दंगाई गिरफ्तार: 400 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी

हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा जुटाई गई CCTV से दोनों आरोपित चिन्हित किए गए थे। हालाँकि तनवीर और शारिक को वहम था कि पुलिस उन्हें नहीं पहचान पाएगी। दोनों की गिरफ्तारी रविवार (8 दिसंबर) को हुई है।

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने रविवार (23 नवंबर 2024) को हुई हिंसा में शामिल 4 अन्य उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। फरार चल रहे लगभग 400 अन्य पत्थरबाजों के पोस्टर प्रशासन ने जारी कर दिए हैं। सैकड़ों हमलावर घर छोड़ कर अन्य प्रदेशों में छिपे हुए हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। वहीं कोर्ट कमिश्नर का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से सर्वे रिपोर्ट आज सोमवार (9 दिसंबर 2024) को अदालत में नहीं दाखिल हो पाई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 नवंबर की हिंसा में गिरफ्तार हुए 4 अन्य आरोपितों में से 2 को कोतवाली नगर और 2 को नखासा थाना पुलिस ने दबोचा है। कोतवाली पुलिस ने तनवीर और शारिक को पकड़ा है। ये दोनों संभल के कोट गर्बी क्षेत्र के रहने वाले हैं। हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा जुटाई गई CCTV से दोनों आरोपित चिन्हित किए गए थे। हालाँकि तनवीर और शारिक को वहम था कि पुलिस उन्हें नहीं पहचान पाएगी। दोनों की गिरफ्तारी रविवार (8 दिसंबर 2024) को हुई है।

संभल में 23 नवंबर को ही पुलिस पर हुए हमले में शामिल 2 अन्य आरोपितों को नखासा थानाक्षेत्र की टीम ने पकड़ा है। इनके नाम अनस और सूफियान हैं। दोनों ही संभल जिले के निवासी हैं। ये दोनों हिन्दूपुरा क्षेत्र में जमा उसी भीड़ का हिस्सा था, जिसने पुलिस अधीक्षक के जनसम्पर्क अधिकारी (PRO) की हत्या करने के लिए गोली चलाई गई थी। पुलिस ने इन दोनों को चिन्हित कर रखा था और गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही थी। पूछताछ में अनस और सूफियान ने खुद को हिंसा में शामिल बताया है।

इस पूरी हिंसा में शामिल रहे लोगों की पहचान पुलिस कर रही है। इसमें अभी तक 400 बलवाइयों की पहचान भी हो चुकी है। इनको CCTV फुटेज, पुलिसकर्मियों की अपनी वीडियोग्राफ़ी व अन्य सबूतों के आधार पर पहचाना गया है। इन सभी के पोस्टर जारी कर गिरफ्तारी में आम लोगों से सहयोग की अपील की गई है। साथ ही दंगाइयों के संभावित ठिकानों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रहीं हैं। प्रशासन के अनुसार कई हमलावर घर छोड़ कर फरार हैं, जो दिल्ली समेत कई अन्य प्रदेशों में छिपे हुए हैं।

कोर्ट में नहीं पेश हो पाई सर्वे रिपोर्ट

वहीं जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट सोमवार (9 दिसंबर 2024) को कोर्ट में पेश नहीं हो पाई। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से थोड़ा समय माँगा है। रमेश सिंह के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है। बताते चलें कि 29 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने 10 दिनों के अंदर सर्वे पूरा कर के रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा तय की थी। 9 दिसंबर को यह समय सीमा पूरी हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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