Friday, November 22, 2024
Homeदेश-समाजफल विक्रेता की दुकान पर हिन्दू प्रतीक देखकर बौखलाया लिबरल गिरोह, लोगों ने पूछा...

फल विक्रेता की दुकान पर हिन्दू प्रतीक देखकर बौखलाया लिबरल गिरोह, लोगों ने पूछा हलाल दुकानों का हाल

"अपनी दुकानों पर राम-शिव की तस्वीर नहीं लगा सकते। अपनी कैब पर एंग्री-हनुमान पोस्टर नहीं लगा सकते। ऑफिस में कलावा और तिलक लगाकर नहीं जा सकते। जबकि आप आलू-भिंडी को हलाल बनाते हैं और पकाने के इस्लामिक तरीकों को वैध बना रहे हैं।''

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच भी हिंदुओं से घृणा वाले प्रोपेगेंडा सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं। झारखंड पुलिस को टैग करते हुए एक युवक ने हिन्दू संगठनों के पोस्टर लगी फल विक्रेता की एक दुकान पर आपत्ति जताई है। उसका आरोप है कि झारखंड सरकार के बजाए अब हिन्दू संगठन फलों की दुकानों और व्यवसायों को परमिशन दे रहे हैं।

फल विक्रेता की इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑपइंडिया के सीईओ राहुल रौशन ने लिखा है – “इस तरह से चरणबद्ध तरीके से आप एक इस्लामी राज्य की ओर अग्रसर होते हैं। अपने हर उत्पाद पर हलाल की मोहर लगाते हुए हिन्दू प्रतीकों को गैरकानूनी बताओ। पुलिस और राज्य ने यह करने में उनकी मदद की है।”

दूसरे ट्वीट में राहुल रौशन ने कटाक्ष करते हुए लिखा है – “अपनी दुकानों पर राम-शिव की तस्वीर नहीं लगा सकते। अपनी कैब पर एंग्री-हनुमान पोस्टर नहीं लगा सकते। ऑफिस में कलावा और तिलक लगाकर नहीं जा सकते। जबकि आप आलू-भिंडी को हलाल बनाते हैं और पकाने के इस्लामिक तरीकों को वैध बना रहे हैं।”

वहीं, एक अन्य ट्विटर यूजर ने एहसान राज़ी के ट्वीट के जवाब में हलाल मीट की दुकान की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा है कि यह हलाल मीट की दुकानों की तस्वीरें हैं, इनके खिलाफ भी कार्रवाई करो।

एक अन्य ट्विटर यूजर ने झारखंड में ही मौजूद ऐसी कई अन्य दुकानों की तस्वीरों को शेयर किया, जिनमें बिस्मिल्लाह ढाबा से लेकर खान मुस्लिम होटल जैसे पोस्टर स्पष्ट देखे जा सकते हैं। साथ ही झारखंड पुलिस से गरीब फल विक्रेताओं को निशाना ना बनाने की भी अपील की है।

हलाल

ज्ञात हो कि हलाल की प्रकिया पूर्ण रूप से इस्लामिक रीति-रिवाजों पर आधारित है। इसमें खाने-पकाने से लेकर इसे ग्रहण करने तक में पूर्ण रूप से मुस्लिम तरीकों को अपनाया जाता है, जिसमें अन्य किसी भी धर्म के व्यक्ति का योगदान नहीं होता है। इस तरह यह एक प्रकार से गैरमुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार की प्रक्रिया का हिस्सा होता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने दिखानी चाही PM और गौतम अडानी की तस्वीर, दिखा दी अडानी और रॉबर्ट वाड्रा की फोटो: पैनलिस्ट ने कहा, ये ‘जीजा...

शो में शामिल OnlyFact India के संस्थापक विजय पटेल ने मजाक में कहा, "यह फोटो मोदी जी के साथ नहीं, जीजा जी (राहुल गाँधी के बहनोई) के साथ है।"

‘ये चेहरे पर चेहरा लगाओगी कब तक…’: महाराष्ट्र में वोटिंग खत्म होते ही बेगम स्वरा भास्कर हुईं वोक, चुनावों में पैगंबर मुहम्मद के नाम...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में खुद को मुस्लिम के रूप में प्रस्तुत करने के बाद स्वरा भास्कर अब खुद को प्रगतिशील दिखाने लगीं।
- विज्ञापन -