Sunday, September 8, 2024
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घर वापसी कर रुखसार बनी राधा, कुमेंद्र संग मंदिर में रचाई शादी: बोली- भगवान राम में पहले से ही है मेरी आस्था

रुखसार ने इस शादी से खुद को बेहद खुश बताया। बकौल रुखसार, उन्होंने यह कदम बिना किसी जोर-जबरदस्ती के तमाम दबाव से मुक्त होकर उठाया है। इस शादी को करवाने वाले दल में शामिल विहिप कार्यकर्ता हिमांशु पटेल ने ऑपइंडिया से बात की। हिमांशु ने बताया कि 26 वर्षीय कुमरेन्द्र और रुखसार मूल रूप से बरेली जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बुधवार (5 जून 2024) को एक मुस्लिम लड़की ने घर वापसी की है। लड़की का नाम रुखसार है, जो अब राधा नाम से जानी जाएँगी। रुखसार ने एक मंदिर में वैदिक विधि-विधान से हिन्दू युवक कुमेंद्र कुमार से विवाह किया है। हिंदू संगठनों ने रुखसार का कन्यादान व अन्य वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न करवाया। रुखसार ने बताया कि भगवान राम में उनकी गहरी आस्था है।

यह मामला बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र का है। यहाँ पड़ने वाले भीटानाथ महादेव मंदिर में बुधवार (5 जून) को कुमेंद्र कुमार अपनी प्रेमिका रुखसार के साथ पहुँचे। इन दोनों ने विवाह करने की इच्छा जताई। कुमेंद्र की तरफ से उनके माता-पिता और रिश्तेदार मौजूद थे। रुखसार के पक्ष से हिन्दू संगठन के सदस्य मंदिर में आए। शादी से पहले रुखसार ने शुद्धिकरण करवा के हिन्दू धर्म स्वीकार किया।

रुखसार ने शुद्धिकरण के बाद अपना नाम राधा रखा। रुखसार ने बताया कि बचपन से ही उनकी आस्था भगवान राम में रही है। शुद्धिकरण के बाद 20 वर्षीया रुखसार ने वैदिक विधि-विधान से कुमेंद्र कुमार को अपना जीवनसाथी चुना। इस दौरान उन्होंने मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं को बारी-बारी प्रणाम किया और उनके जयकारे लगाए। शादी के बाद जय श्रीराम के सामूहिक नारे लगाए गए।

रुखसार ने इस शादी से खुद को बेहद खुश बताया। बकौल रुखसार, उन्होंने यह कदम बिना किसी जोर-जबरदस्ती के तमाम दबाव से मुक्त होकर उठाया है। इस शादी को करवाने वाले दल में शामिल विहिप कार्यकर्ता हिमांशु पटेल ने ऑपइंडिया से बात की। हिमांशु ने बताया कि 26 वर्षीय कुमरेन्द्र और रुखसार मूल रूप से बरेली जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।

उन्होंने बताया कि रुखसार के अब्बा मुन्ने बख्स का इंतकाल हो चुका है। अभिभावक के तौर पर घर में सिर्फ उनकी अम्मी हैं। दरअसल, रुखसार और कुमेंद्र 3 साल से देहरादून में एक साथ एक ही सिलाई फैक्ट्री में काम करते थे। यहीं पर दोनों की दोस्ती हो गई, जो बाद में प्यार में बदल गई।

रुखसार ने अपने घर और रिश्तेदारी में कुमेंद्र से शादी की बात चलाई तो इनकार कर दिया गया। उन पर पहरे भी लगा दिए गए। आखिरकार तमाम बंधनों को तोड़ते हुए रुखसार भीटानाथ मंदिर पहुँचकर कुमेंद्र संग शादी के बंधन में बँध गईं। शादी के बाद रुखसार अपने पति के साथ उनके घर चली गईं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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