कर्नाटक से शुरू हुआ बुर्का-हिजाब विवाद (Karnataka Burqa-Hijab Controversy) पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh, Uttar Pradesh) स्थित श्री वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं कुछ छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
कॉलेज ने शनिवार (12 मार्च) को छात्राओं को निर्देश दिया कि वे कक्षा में शामिल होने के दौरान अपना चेहरा न ढँकें। इस दौरान हिजाब पहनकर आईं मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज में नहीं घुसने दिया गया और वे घर लौट गईं।
B.Sc अंतिम वर्ष में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कहा कि वह कॉलेज में घुसने के दौरान बुर्का पहना था, जिसे कॉलेज प्रशासन ने उतरवा दिया। उसके बाद उससे अपना हिजाब हटाने के लिए भी कहा गया। छात्रा का कहना है कि वह बिना हिजाब के कहीं जाने को तैयार नहीं है।
दरअसल, शुक्रवार (11 मार्च) को एक छात्रा हिजाब में क्लासरूम में आई थी। इसको देखकर एक छात्र भगवा पहनकर एक छात्र कक्षा में आ गया। हिजाब को लेकर दोनों के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद यह मामला कॉलेज के प्रॉक्टर के पास पहुँच गया। इसके बाद अगले दिन कॉलेज प्रशासन ने ड्रेस कोड को लेकर सख्ती दिखाई।
कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक रिमाइंडर है कि कॉलेज का ड्रेस कोड है और इसका सभी को पालन करना होगा। कॉलेज के प्रॉक्टर अनिल वार्ष्णेय ने कहा कि प्रॉस्पेक्टस में ड्रेस कोड का उल्लेख किया गया है। विद्यार्थियों को कॉलेज के नियमों का पालन करना होगा और ड्रेस कोड को अब और गंभीरता से लागू किया जाएगा।
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद देश के कई राज्यों में फैल गया है। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं।