Sunday, November 3, 2024
Homeदेश-समाजगायों की लाश वाली तस्वीरें देख गुजरात हाई कोर्ट स्तब्ध, कहा- भगवान भी माफ...

गायों की लाश वाली तस्वीरें देख गुजरात हाई कोर्ट स्तब्ध, कहा- भगवान भी माफ नहीं करेंगे: खुले में फेंक दिए थे अवशेष

"यह बहुत परेशान करने, चौंकाने वाला और सकते में डालने वाला है। हमें लगता है कि किसी नीति को नियमित करने और लागू करने की आड़ में निर्दोष जानवरों की हत्या नहीं की जा सकती। अगर ऐसा हो रहा है तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे।"

गुजरात के खेड़ा जिले के नाडियाद में गायों की मौत को लेकर हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। गायों की लाश वाली तस्वीरें देख हाई कोर्ट स्तब्ध रह गया। उसने कहा कि इस कृत्य के लिए भगवान भी माफ नहीं करेंगे। मौत के बाद गायों के अवशेष खुले में ही फेंक दिए गए थे।

जस्टिस एजे शास्त्री और जस्टिस हेमंत प्रच्छक की बेंच ने सड़क पर खुले में घूमने वाले मवेशियों से होने वाली परेशानियों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए य​ह टिप्पणी की। नडियाद के रहने वाले मौलिक श्रीमाली ने यह याचिका दायर की थी। उन्होंने इस समस्या की तरफ कोर्ट का ध्यान खींचने के लिए खुले में छोड़ दी गई गायों की लाश की तस्वीरें भी पीठ के सामने रखी।

हाई कोर्ट की बेंच ने इस पर हैरानी जताते हुए अधिकारियों से जाँच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। राज्य सरकार की नीति के तहत आवारा पशुओं की परेशानी से निपटने के लिए गायें बाड़े में रखी गई थी। इनमें 30 गायों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने इसे लेकर खेड़ा जिले के कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है।

गायों की लाशों की तस्वीरें देखने के बाद जस्टिस शास्त्री ने कहा, “यह बहुत परेशान करने, चौंकाने वाला और सकते में डालने वाला है। हमें लगता है कि किसी नीति को नियमित करने और लागू करने की आड़ में निर्दोष जानवरों की हत्या नहीं की जा सकती। इंसानी जिंदगी की सहूलियत के लिए हम ऐसी चीज की की मंजूरी नहीं दे सकते।” उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे। निर्दोष जानवरों को इस तरह खत्म नहीं किया जा सकता। लोगों की सुविधा के लिए एक भी निर्दोष जानवर की हत्या नहीं की जानी चाहिए।

गुजराज HC ने इसे लेकर महाधिवक्ता कमल त्रिवेद्वी को रिपोर्ट पेश करने को कहा। महाअधिवक्ता ने इस मसले पर गुजराज HC के सख्त रवैए को देखते हुए कार्रवाई करने का वादा किया है। उन्होंने हाईकोर्ट से ये भी कहा कि इस तरह के काम कुछ शरातती तत्वों के इशारों पर होते है। अधिकारी ये पता लगाएँगे कि ये उपद्रवी और शरारती तत्व आखिर कौन हैं।

इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार यानी आज 13 दिसंबर को है। हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मवेशियों को रखने की जगह की स्थिति और नडियाद की घटना को लेकर कार्रवाई पर विवरण पेश करेंगे। गौरतलब है कि गुजरात में गायों की हत्या पर आजीवन कारावास की सजा है। इसे 2017 में लागू किया गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -