Sunday, September 8, 2024
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‘आंगनवाड़ी को मदरसा न बनाया जाए’: कहीं बच्चों से पढ़वाया नमाज़ तो कहीं लगवाए ‘या हुसैन’ के नारे, गुजरात के 2 सेंटरों का वीडियो वायरल, कार्रवाई की माँग

"घटना के बाद हमने मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भी सूचित किया। ये मामला बेहद गंभीर है। छोटे बच्चों को दूसरे मजहब की शिक्षा देना बहुत गंभीर मामला है। बच्चे शिक्षा के लिए आंगनबाड़ियों में जाते हैं, वहाँ मजहबी ज्ञान की जरूरत नहीं है।"

जामनगर के बाद अब वडोदरा के करनाली आंगनवाड़ी में बच्चों को नमाज पढ़ाने पर विवाद खड़ा हो गया है। खबर सामने आई है कि हिंदू बच्चे सिर पर रुमाल बाँधकर ईद मना रहे हैं। पूरी घटना पर स्थानीय हिंदू संगठनों ने विरोध जताया है। इतना ही नहीं, बल्कि वडोदरा के विधायक शैलेश मेहता ने भी इस घटना पर विरोध जताया है। विधायक ने घटना की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री को दी है। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि आंगनवाड़ी केंद्रों को मदरसा न बनने दिया जाए। उन्होंने पूरे मामले में कार्रवाई की माँग की है।

जानकारी के मुताबिक, वडोदरा के दाभोई स्थित करनाली आंगनवाड़ी में बच्चों को नमाज अदा की गई है। पाठ्यक्रम में ईद पर कोई पाठ न होने के बावजूद हिंदू बच्चों को जश्न मनाने का यह तरीका सिखाया जाने पर हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया है। आरोप है कि आंगनबाडी संचालिका ने बच्चों के सिर पर रूमाल बाँधकर ईद मनाई और इस दौरान उन्हें नमाज अदा करना सिखाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने घटना की सूचना शिक्षा प्राधिकरण को दी है और तत्काल कार्रवाई की माँग की है।

पूरे मामले में विधायक शैलेश मेहता का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि करनाली करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। शुक्रवार (12 जुलाई, 2024) को यहाँ एक आंगनवाड़ी में छोटे बच्चों को ईद और नमाज पढ़ाई गई। छोटे-छोटे बच्चों के सिर पर रूमाल बाँधकर प्रार्थना कराने का प्रयास किया गया। विधायक ने कहा कि ये घटना बेहद दुखद है, जैसे ही घटना उनके संज्ञान में आई, उन्होंने कलेक्टर, डीडीओ, दाभोई प्रांतीय अधिकारी आदि से संपर्क किया और उन्हें जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने व्हाट्सएप्प के जरिए राज्य के शिक्षा मंत्री को भी इसकी सूचना दी गई।

उन्होंने आगे कहा, “घटना के बाद हमने मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भी सूचित किया। ये मामला बेहद गंभीर है। छोटे बच्चों को दूसरे मजहब की शिक्षा देना बहुत गंभीर मामला है। बच्चे शिक्षा के लिए आंगनबाड़ियों में जाते हैं, वहाँ मजहबी ज्ञान की जरूरत नहीं है। यदि वह धार्मिक शिक्षा प्राप्त करना चाहता है, यदि वह मुस्लिम है, तो वह मदरसे में जाएगा। लेकिन आंगनबाड़ियों को मदरसे में बदलने का चल रहा कार्यक्रम बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि जामनगर की आंगनवाड़ी में भी इस तरह की घटना हुई, यह गंभीर मामला है, सरकार को भी इसे गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, गुजरात में किसी भी आंगनवाड़ी को मदरसा नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सोमवार को आंगनवाड़ियाँ खुलते ही इस पर कार्रवाई की जाएगी और अगर नहीं हुई तो हम इस मामले को गंभीरता से लेकर गाँधीनगर तक जाएँगे।

गौरतलब है कि इससे पहले जामनगर के सोनलनगर स्थित आंगनवाड़ी में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। सोशल मीडिया पर आंगनवाड़ी का एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें व्यवस्थापक बच्चों को ईद के बारे में पढ़ा रहा था और बच्चों से दुआ पढ़वा रहा था। इतना ही नहीं बच्चों से ‘या हुसैन’ के नारे भी लगवाए गए। व्यवस्थापक बच्चों को बिरयानी बनाकर ईद के दिन सुबह जल्दी उठकर मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए प्रेरित भी कर रहा था। इस घटना के बाद भी हिंदू संगठनों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया और कार्रवाई की माँग की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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