गुजरात के वलसाड जिले में गुरुवार (19 मई 2022) को राष्ट्रीय ध्वज और हिंदू धर्म का अपमान करने का मामला सामने आया है। घटना वलसाड जिले के वापी कस्बे में मोरई फाटक के पास की है। यहाँ राजमार्ग पर कबाड़ी के गोदाम में भारतीय ध्वज, भगवान श्रीराम और हनुमानजी की तस्वीर वाले बैनर को स्क्रैप बैग के रूप में पाया गया। राष्ट्रीय ध्वज का इस तरह अपमान होता देख स्थानीय हिंदू देशभक्त काफी आक्रोशित हो गए।
दरअसल, वापी से सूरत जाने वाले हाईवे पर मोराई फाटक के पास लियाकत खान नाम के शख्स का खुला मलबा गोदाम है। दूर से संदिग्ध दिखाई देने पर स्थानीय लोगों ने देखा तो पाया कि यह कोई आम कपड़ा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय ध्वज है। इसके बाद लोगों ने तुरंत वापी विहिप अध्यक्ष और सामाजिक नेता नरेंद्र पायक को फोन किया और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाली घटना की सूचना दी।
ऑपइंडिया के साथ बातचीत में नरेंद्र पायक ने कहा, “जब मुझे इस संबंध में फोन आया, तो मैं तुरंत मौके पर पहुँचा। मैंने भी वहाँ राष्ट्रीय ध्वज से बँधी ऐसी स्क्रैप टोकरियाँ देखीं। जब हमने और करीब जाकर देखा तो पाया कि वहाँ राष्ट्रीय ध्वज के अलावा, हिंदू धर्म में आस्था के प्रतीक भगवान राम और हनुमानजी के बैनर भी फेंके हुए थे। हमने तुरंत नजदीकी वापी टाउन पुलिस स्टेशन को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे।”
पायक ने ऑपइंडिया को बताया कि गोदाम का निरीक्षण करते समय उन्हें कुल 30 राष्ट्रीय ध्वज, श्री राम के चित्र वाले 12 बैनर और 4 झंडे हनुमान जी के चित्र वाले मिले। पुलिस ने इसे जब्त कर लिया है। बताया गया कि गोदाम में अन्य धर्मों के भी कुछ बैनर पाए गए थे।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और गोदाम के मैनेजर लियाकत खान को गिरफ्तार कर लिया और सभी राष्ट्रीय ध्वज और धार्मिक बैनर जब्त कर लिए। लियाकत खान से पूछताछ से पता चला कि उसने सूरत के एक मिल से स्क्रैप भरने के लिए यह कपड़ा खरीदा था। इसके बाद पुलिस ने सूरत मिल के मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया है।
शुरूआती जाँच से पता चला है कि सूरत में एक कपड़ा मिल में इस तरह के झंडे और धार्मिक बैनर बनाए जा रहे हैं। बहुत सारे राष्ट्रीय झंडों में टाइपोग्राफिकल त्रुटि के कारण स्क्रैप के रूप में बेचा गया था। यही वापी के गोदाम तक पहुँचा था। लेकिन भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार, यह एक आपराधिक कृत्य है।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार, खराब या फटे हुए राष्ट्रीय ध्वज को जलाने या दफनाने के तरीके हैं। किसी भी प्रक्रिया को चुनते समय सख्त नियमों का भी पालन किया जाना चाहिए। ये नियम इस प्रकार हैं।
“राष्ट्रीय ध्वज को दफनाने के लिए, सभी क्षतिग्रस्त झंडों को एक लकड़ी के बक्से में इकट्ठा करें, उन्हें ठीक से तह लगाकर रखें। इसके बाद बॉक्स को जमीन में गाड़ दें। झंडा गाड़े जाने के बाद एक मिनट का मौन धारण करें।” यहाँ यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राष्ट्रीय ध्वज गर्व का प्रतीक है और इसका निस्तारण करते समय इसकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना एक आपराधिक कृत्य है। राष्ट्रीय ध्वज और हिंदू देवताओं के अपमान की पुलिस जाँच कर रही है। सूरत मिल के मालिक से पूछताछ के बाद तस्वीर और स्पष्ट होने की संभावना है।
पहले भी वापी में हो चुकी है हिंदू विरोधी घटना
इससे पहले मार्च में वापी के चानोद स्थित सेंट मैरी स्कूल में हिंदू धर्म के अपमान की घटना सामने आई थी। गुजरात के एक क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में दो हिंदू छात्रों को ‘जय श्रीराम’ कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करने पर सजा दी गई। हालाँकि, हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद स्कूल ने माफी माँग ली।