अहमदाबाद में तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिला ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की है। हालाँकि, समय रहते मेडिकल सहायता मिल जाने से पीड़िता की जान बच गई है, लेकिन पुलिस ने उसके शौहर और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यह विडंबना है कि यह मसला राज्यसभा में तीन तलाक को जुर्म करार दिए जाने के एक दिन से कम समय में प्रकाश में आया है। उसने आत्महत्या का प्रयास किस प्रकार से किया, खबर लिखे जाने तक इसकी जानकारी हमें नहीं मिल पाई है।
Gujarat:A woman in Ahmedabad attempted suicide y’day after she was allegedly given triple talaq by her husband. She says “He told me to arrange money for him.When I refused,he threw our daughter on floor&gave me triple talaq.Under Islamic law I’ve been divorced,I’ve to accept it” pic.twitter.com/LmLru62BFN
— ANI (@ANI) July 31, 2019
पीड़िता के अनुसार शौहर ने उनसे पैसे की माँग की। जब पीड़िता पैसे का इंतजाम नहीं कर पाई तो कथित तौर पर शौहर ने दम्पत्ति की बेटी को ज़मीन पर पटक दिया, और पीड़िता को तीन तलाक दे दिया। पीड़िता के अनुसार इस्लामी कानून उन्हें यह तलाक-ए-बिद्दत मंज़ूर करने के लिए मजबूर करता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता फ़िलहाल अस्पताल में मौत से जूझ रही है। दो बच्चों की माँ की तहरीर पर पुलिस ने शौहर और ससुराल के अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फ़िलहाल पुलिस ने महिला की पहचान सार्वजनिक नहीं की है।
मंगलवार को ही राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल को चर्चा के बाद वोटिंग के जरिए पास कर दिया गया है। लोकसभा से बीती 26 जुलाई को ही इसे मंजूरी मिल चुकी थी। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। यह बिल 21 फरवरी को पास किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके बाद भी इस मामले का सामने आना मुस्लिम समाज में तलाक-ए-बिद्दत किस हद तक जड़ें जमाया हुआ है, इसका उदाहरण है।