पिछले कुछ दिनों से गुजरात के कुछ गाँवों में दलित जातियों के द्वारा घोड़े पर बारात निकालने पर उच्च जातियों द्वारा विरोध करने और मारपीट की खबरें आ रही थी। इसी बीच, 15 मई को भावनगर जिले के गारियाधार तहसील के वेलावदर गाँव के राजपूतों ने अनूठा उदाहरण पेश किया। यहाँ के राजपूतों ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए न सिर्फ दलित युवक के लिए घोड़ी दी, बल्कि सुरक्षा भी मुहैया कराई और साथ ही उसकी बारात में ठुमके लगाते हुए शादी के मंडप तक पहुँचे।
भावनगर के वेलावदर में 150 घर राजपूतो के ,200 घर पटेल के,10 घर दलित के ,इसके बावजूद #दलित_दूल्हा को अपनी घोड़ी उपलब्ध करवा, बारात डीजे के साथ निकलवा कर राजपूत समाज ने मिशाल पेश की pic.twitter.com/P3Ws3Vc0nh
— BHANWER SINGH RETA (@bhanwarsareta) May 17, 2019
जानकारी के मुताबिक, वेलावदार गाँव में राजपूतों के 150, पटेलों के 200 तो वहीं दलित के सिर्फ 10 घर हैं। इसके बावजूद यहाँ कभी किसी जाति के लिए घोड़े देने से इंकार नहीं किया गया है। हाल ही में गारियाधार से जिग्नेश वणझरा नामक दलित दूल्हे की बारात वेलावदार गाँव आई थी और दूल्हे ने घोड़ी चढ़ने की इच्छा जताई जिसकी जानकारी दूल्हे के पिता ने दिगराज सिंह गोहिल को दी। गाँव में ये बात पता चलने के बाद राजपूत फौरन इसके लिए तैयार हो गए और खुद आगे बढ़कर दूल्हे को घोड़ी उपलब्ध करवाई। साथ ही वो उसके विवाह कार्यक्रम में भी शरीक हुए। इससे दूल्हे के परिजन काफी खुश हो गए।
वहीं, दिगराज सिंह ने फेसबुक पर अपने पोस्ट के जरिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी की बारात रोक कर उनको परेशान ना किया जाए। उन्होंने कहा, “एक ब्राह्मण होने के नाते मैं समाज के सभी वर्गो से कहना चाहता हूँ कि हम सब हिंदू हैं और जितना हक हमें घोड़ी पर चढ़ने का है, उतना ही हक हमारे दलित समाज के लोगों का भी है तो कृपया उनके साथ ऐसा ना करें। अगर कोई ऐसा करे तो उसे रोके। दलित समाज के साथ हम सब कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”