उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार (21 अगस्त, 2021) को निधन हो गया। भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल भी रहे हैं। बाबरी विध्वंस के बाद उन्होंने जिस तरह से अपनी सरकार व मुख्यमंत्री का पद कुर्बान कर दिया था, उसकी मिसाल आज भी दी जाती है। जहाँ लोग उनके निधन से शोक में हैं, वहीं मुस्लिमों ने उनके निधन वाली खबर पर ‘हाहा’ का रिएक्शन देकर जश्न मनाया।
कल्याण सिंह के निधन पर जश्न मनाने वालों के नाम पर एक नज़र डालिए – शबाज़ अली नेपाली, ताबिश हुसैन, आकिब बाबर चौधरी, ज़ीशान, जुनैद अहमद, आदिल खानजादा, मुजीब आलम, अज़ीज़ सैफी, वसीम जहीर, नदीम, सैयद यासिर शाह, सद्दाम खान, मोहम्मद ताबिश रजा, फ़ुजैरुल रहमान, निजामुद्दीन अंसारी, ज़ाहिर हुसैनी, ज़ीशान कादरी, नूर आलम सिद्दीकी, सलीम अंसारी, आरिफ निसार, इफ़्तेख़ार आलम, शाहरुख बिन राइस, ताहिर, मोहम्मद सलमान इत्यादि।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया और शोकाकुल परिवार के लिए प्रार्थना की। लेकिन, उनकी पोस्ट पर भी 100 से अधिक लोगों ने ‘हाहा’ का रिएक्शन दिया, जिनमें अधिकतर मुस्लिम थे। इसका स्क्रीनशॉट हम नीचे संलग्न कर रहे:
इसी तरह ‘जी न्यूज़’ ने भी बाकी मीडिया संस्थानों की तरह कल्याण सिंह के निधन की खबर प्रकाशित की। फेसबुक पर इस खबर पर भी 9 लोगों ने ‘हाहा’ का रिएक्शन दिया। ये सारे के सारे मुस्लिम नाम वाले लोग ही थे। ये ‘हाहा’ का रिएक्शन देने वाले कवि कुमार विश्वास के पोस्ट पर भी आ धमके, जिसमें उन्होंने कल्याण सिंह को भाजपा का शिल्पकार बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया था।
बीबीसी ने कल्याण सिंह के निधन पर जो खबर प्रकाशित की, उस पर तो 400 से भी अधिक लोगों ने ‘हाहा’ के रिएक्शंस दिए। इनमें से अधिकांश किस मजहब के थे, ये आप खुद ही देख कर अंदाज़ा लगा लीजिए। इसी तरह कई अन्य मीडिया संस्थानों ने जो खबरें प्रकाशित की, उनमें कल्याण सिंह का जिक्र आने पर ‘हाहा’ रिएक्शन देने वालों में अधिकतर ‘समुदाय विशेष’ के ही लोग निकले।
बाबरी विध्वंस के दौरान कारसेवकों पर गोली न चलवाने के फैसले के लिए जाने जाने वाले कल्याण सिंह कल्याण सिंह ने कहा था कि राम मंदिर बनाने की खातिर एक क्या 10 बार सरकार कुर्बान करनी पड़ेगी तो हम तैयार हैं। उसी कल्याण सिंह ने ये भी कहा था कि बाबरी विध्वंस को लेकर मन में न कोई पछतावा है, न कोई शोक है, न कोई खेद है और न ही कोई पश्चाताप का भाव है। उन्होंने बार-बार इसे गर्व का विषय बताया और दोहराया कि कारसेवकों पर गोली नहीं चलाऊँगा।