Friday, November 15, 2024
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गुजरात के जिस जिले की 40% आबादी बन गई ईसाई, वहाँ धर्मांतरण रोकने निकले बजरंग बली: ‘हनुमान यज्ञ’ अभियान से उद्योगपति ने बदली स्थिति, 311 गाँवों में बने 311 मंदिर

ग्रामों में मंदिरों के निर्माण से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिली। पीपी स्वामी ने बताया कि मंदिर निर्माण से इलाकों में उल्लेखनीय बदलाव आया है। जनजातीय परिवारों में शराब की लत बहुत आम थी लेकिन मंदिर निर्माण से कई परिवारों की यह लत दूर हो गई है। अब इन ग्रामों में गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और होली जैसे सभी त्योहार मनाए जाते हैं।

गुजरात के छोटे जिलों में से एक डांग जिला बुरी तरह धर्मांतरण की गिरफ्त में था। 40% आबादी वहाँ की ईसाई धर्म अपना चुकी थी। हिंदू धर्म में लोगों की आस्था खत्म होने लगी थी। फिर, वहाँ एक ऐसे अभियान की शुरुआत हुई जिसके बाद धीरे-धीरे सनातन में लोगों का विश्वास दोबारा बढ़ने लगा।

इस अभियान का नाम- हनुमान यज्ञ है। इसे सूरत के जाने-माने बिजनेसमैन व भाजपा सांसद गोविंद ढोलकिया ने शुरू किया है। इस अभियान के तहत डांग जिले के 2 तालुकाओं के 311 ग्रामों में 311 हनुमान मंदिर बनाए गए हैं। 2022 में इनमें से 14 मंदिरों का उद्घाटन हुआ था। अभियान की शुरुआत 40 लाख रुपयों से की गई थी।

ये कदम उठाया ही इसलिए गया था कि डांग में जो पिछले 20 सालों से लगातार परिवर्तन हो रहा है उसे रोका जा सके। बताया जाता है डांग की 40 फीसदी आबादी अब तक ईसाई बन गई है इसीलिए धर्मांतरण रोकने के लिए बजरंगबली का सहारा लिया गया है।

इस अभियान को लेकर हीरा व्यापारी गोविंद ढोलकिया ने कहा (जिन्हें हर वर्ष दीवाली पर बोनस के नाम पर अपने कर्मचारियों को महंगी कार देने के लिए जाना जाता है), “हम पिछले 30 सालों से डांग अहवा में मेडिकल कैंप आयोजित कर रहे हैं। साल 2017 में भी जब कैंप से लौट रहे थे तो कार में मैं और पीपी स्वामी थे। हमने गाँव में एक हनुमान जी की मूर्ति को देखा जिनपर पेड़ के तने गिरे हुए थे। मैंने स्वामी जी से पूछा कि ये कितना उचित है कि हमारे भगवान बिन घर के बैठे रहें और हम घर में रहें।”

उन्होंने आगे कहा, “स्वामीजी ने मेरी बात सुन कहा ये गलत है और इसके लिए कार्य मुझे करना चाहिए। 300 गाँव हैं, 300 में हम ऐसा करेंगे। इस अभियान को लेकर निर्णय कुछ सेकेंड में ही ले लिए गए। इसमें मैंने कुछ नहीं बोला। ये निर्णय भी मेरा नहीं था। ये हनुमान जी महाराज का, प्रभु श्रीराम जी का निर्णय था।”

गौरतलब है कि इन ग्रामों में मंदिरों के निर्माण से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिली। पीपी स्वामी ने बताया कि मंदिर निर्माण से इलाकों में उल्लेखनीय बदलाव आया है। जनजातीय परिवारों में शराब की लत बहुत आम थी लेकिन मंदिर निर्माण से कई परिवारों की यह लत दूर हो गई है।

अब इन ग्रामों में गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और होली जैसे सभी त्योहार मनाए जाते हैं। गाँव में जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले लोग बजरंगबली के मंदिर जाते हैं। इस अभियान से डांग में शांति और सहयोग का माहौल स्थापित हुआ है, लोग बिन किसी जाति-पाति के मंदिर में जाते हैं। सनातन धर्म का प्रचार करते है।

मालूम हो कि इससे पहले धर्मांतरण की मार झेल रहे जनजातीय समुदायों की रक्षा के लिए सोनगढ़ में भी बजरंगबली का सहारा लिया गया था। नतीजा ये हुआ कि सोनगढ़ तालुका के बुधवाड़ा गाँव में हनुमान जी के दर्शन के बाद 18 जून 2022 को 6 परिवारों के 35 से अधिक लोग ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में लौट आए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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