साल 2023 में मेवात के नूहं इलाके में बृजमंडल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर हुए हमले के मुख्य आरोपित कॉन्ग्रेस विधायक मामन खान की जमानत को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। हरियाणा सरकार द्वारा दायर इस याचिका में मामन खान को हिंसक भीड़ का सरगना बताया गया है। चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस याचिका पर मामन खान को नोटिस जारी करते हुए 26 नवंबर तक जवाब माँगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा राज्य सरकार ने कॉन्ग्रेस MLA मामन खान को निचली अदालत से मिली जमानत ख़ारिज करने की अपील हाईकोर्ट में की है। इस अपील में राज्य सरकार की तरफ से मामन को नूहं हिंसा का कर्ताधर्ता बताया गया है। याचिका में बताया गया है कि इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। याचिका में उस गैर-कानूनी सभा का भी जिक्र हुआ है जिसमें बृजमंडल यात्रा पर हमले के लिए उकसाया गया था। आरोप है कि साजिशन हुई इस सभा का नेतृत्व मामन खान ने किया था।
याचिका में आगे बताया गया है कि नूहं के सत्र न्यायाधीश ने मामन को जमानत देने से पहले कई गंभीर बिंदुओं पर गौर नहीं किया था। हाईकोर्ट में इस याचिका की सुनवाई जस्टिस महावीर सिंह संधू की अदालत में होनी है। न्यायाधीश ने मामन खान को नोटिस जारी करते हुए 26 नवंबर तक जवाब माँगा है। मामन द्वारा जवाब दाखिल करने के बाद मामले में अगली सुनवाई होगी। मामन खान पहले ही लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित और खुद को फँसाने की साजिश करार देते आ रहे हैं।
बताते चलें कि जुलाई 2023 के अंतिम सप्ताह में हुई बृजमंडल यात्रा पर कट्टरपंथियों ने नूहं के कई हिस्सों में हमला किया था। हमलावर भीड़ ने अलग-अलग गुट बना कर न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि पुलिसवालों के साथ आम नागरिकों की भी हत्या कर दी थी। उपद्रवियों ने बमों और लाठी डंडों गोलियों का इस्तेमाल करने के साथ गोलियाँ भी बरसाईं थीं। इस मामले में पुलिस ने कुल 61 FIR दर्ज कर के कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
लम्बे समय तक फरार रहने के बाद 14 सितंबर, 2023 को पुलिस ने मामन को गिरफ्तार कर लिया था। 18 अक्टूबर, 2023 को मामन को जिला अदालत से जमानत मिल गई थी।