देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक साबित हो रही है। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज दम तोड़ रहे हैं। वहीं झूठे दावे करके दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाली केजरीवाल सरकार यह सब देखने के बाद भी मूक है।
राज्य में अव्यवस्था से तंग आकर यहाँ के स्थानीय निवासी हरियाणा और यूपी के अस्पतालों में अपना इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। यहाँ उनका बिना किसी भेदभाव के इलाज हो रहा है। इसके अलावा बहुत से लोग दिल्ली छोड़कर कहीं और चले गए हैं।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कई जिलों के अस्पतालों में दिल्ली के कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद के अस्पतालों में उपचार करा रहे 70% से ज्यादा लोग दिल्ली के रहने वाले हैं। राजधानी में भीड़ ज्यादा होने की वजह से ये लोग हरियाणा में आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब रोहतक, करनाल और अंबाला तक भी दिल्ली के मरीज आ रहे हैं। हरियाणा सरकार उनका इलाज कर रही है। इसको देखते हुए हमने सभी जिलों के उपायुक्तों को हर जिले में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने को कहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा समय में दिल्ली में कोरोना की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। सभी अस्पताल पूरी तरह से कोरोना मरीजों से भर चुके हैं, जिसके चलते लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने दिल्ली वालों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है, वे यहाँ आने वाले कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
हालाँकि, हरियाणा में भी कोरोना संक्रमितों के मामलों का लगातार आने का सिलसिला बना हुआ है। हरियाणा के शहर अंबाला में मंगलवार को 332 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं और 9 लोगों की मृत्यु हुई है। अकेले अंबाला में ही अप्रैल में अब तक 55 लोगों की कोरोना की वजह से जान जा चुकी है।
वहीं, दिल्ली में पिछले 24 घंटे में सोमवार को कोरोना वायरस के 20,201 नए मामले सामने आए, जबकि 380 लोगों की मौत हुई है। केजरीवाल सरकार की नाकामियों के कारण दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 35.02 प्रतिशत पहुँच गया है।