Sunday, December 22, 2024
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हिंदुओं से पिट गए? उसे गोली क्यों नहीं मारी? आप समुदाय पर एक धब्बा हैं – हरियाणा के जज फ़ख़रुद्दीन

जज फ़ख़रुद्दीन के विरोध में शिक़ायती पत्र की कॉपी CJI रंजन गोगोई, कानून और न्याय मंत्री- रवि शंकर प्रसाद, बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा और बार काउंसिल इंडिया के अध्यक्ष को भेजी गई।

ज़िला बार एसोसिएशन, चरखी दादरी, हरियाणा के वकीलों के एक समूह द्वारा लिखा गया एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने पीठासीन अधिकारी फखरुद्दीन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक मामले की सुनवाई के दौरान दूसरे मजहब के याचिकाकर्ताओं को हिन्दुओं के ख़िलाफ़ उकसाने वाली बातें कही।

वकीलों का आरोप है कि 20 अगस्त को राज्य बनाम परविंदर मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसमें शिक़ायतकर्ता और गवाह दोनों उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले दूसरे समुदाय से थे। भारतीय दंड संहिता की धारा-365 (अपहरण और ग़लत कारावास), धारा-379 बी (चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

गवाहों से दुश्मनी निभाने के एवज़ में न्यायाधीश ने वकीलों से इस मामले के प्रत्येक गवाह को 1,000 रुपए देने के लिए कहा।

सुनवाई के दौरान, पीठासीन अधिकारी ने यह कहकर गवाहों को डाँटा कि दूसरे (हिंदू) समुदाय के सदस्यों द्वारा पीटे जाने पर वो समुदाय पर एक धब्बा हैं। जज साहब ने ग़ुस्से में सवाल किया कि उन्होंने अपने विरोधी (जो इस मामले में हिंदू थे) को गोली क्यों नहीं मार दी?

पीठासीन न्यायाधीश फ़ख़रुद्दीन ने हिंदुओं पर तीखा हमला करते हुए गवाहों से कहा कि वे अगली बार पिस्तौल के साथ अदालत में आएँ।

पत्र के अनुसार, न्यायाधीश ने हिंदुओं के बारे में कहा कि उनके पास ऐसी कोई ताक़त नहीं है जिससे वो दूसरे मजहब के सामने टिक सकें। उन्होंने कहा,

“आप एक पिस्तौल के साथ आएँ। मैं यहीं हूँ। हर बात की ज़िम्मेदारी मैं लूँगा।”

पत्र लिखने वाले वकीलों ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई का अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने लंबित मामलों के ट्रांसफर भी की माँग की क्योंकि उन्हें विशेष अदालत में न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। इस शिक़ायती पत्र की कॉपी CJI रंजन गोगोई, कानून और न्याय मंत्री- रवि शंकर प्रसाद, बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा और बार काउंसिल इंडिया के अध्यक्ष को भेजी गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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