हरियाणा के पानीपत जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस मामले ने बॉलीवुड फिल्म ‘दृश्यम’ की याद दिला दी है, जिस प्रकार फिल्म में एक युवक ही हत्या करने के बाद उसके शव को निर्माणाधीन पुलिस थाने में दफना दिया गया था, उसकी तरह फिल्मी स्टाइल में आरोपित पहले मौलवी को कैराना ले गया और फिर वहाँ उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को निर्माणाधीन मकान में गाड़ दिया। पुलिस ने हत्यारोपित 65 वर्षीय मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पहचान वसीम के रूप में हुई है। वह 31 दिसंबर 2022 से लापता था। बताया जा रहा है कि वसीम शादीशुदा था और उसके दो बच्चे हैं।
पानीपत पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार की मौजूदगी में मंगलवार (3 जनवरी 2023) को कैराना के रेता वाला मोहल्ला के निर्माणाधीन मकान से वसीम का शव बरामद किया। बुधवार (4 जनवरी 2023) को शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने बताया कि हत्या करने वाला उर्दू उस्ताद व उसका साथी मौलवी ही है। उसने करीब साढ़े 7 लाख रुपए के लालच में आकर वसीम पर जींद की एक महिला के साथ गलत काम करने का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी।
भाई के व्हाट्सएप पर भेजा मैसेज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 वर्षीय वसीम पानीपत के इमाम साहब मोहल्ला जाटल रोड का निवासी था। वह 4 दिनों से लापता था। मृतक के बड़े भाई कल्लन के अनुसार, उसका छोटा भाई वसीम लकड़ी का काम करता था। वह 31 दिसंबर 2022 की सुबह करीब 8 बजे काम के लिए निकला था, जिसके बाद घर वापस नहीं लौटा। भाई ने बताया, “1 जनवरी 2023 की शाम 6 बजकर 12 बजे मिनट पर मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया, जिसमें वसीम के शव की फोटो थी। उस मैसेज में लिखा था कि हम जींद से बोल रहे हैं। तुम्हारे भाई ने हमारी लड़की के साथ गलत काम किया था। इसलिए हमने उसे मार दिया। वसीम ने लड़की से 7 लाख 35 हजार रुपए भी ले लिए थे। मरते हुए वसीम ने अपने भाई का नंबर दिया है। अब ये रुपए उसके भाई से वसूले जाएँगे।”
उस्ताद दिलशाद ने हत्या की बात कबूल की
कुछ मीडिया रिपोर्ट में वसीम को वसीन कहा जा रहा है। मामले की जाँच कर रहे जाँच अधिकारी महिपाल सिंह ने बताया, “पीड़ित परिवार ने शुरुआत में वसीम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद वसीम की हत्या की बात सामने आई। जब उसके भाई को एक मैसेज मिला, जिसमें लड़की और पैसों के लेन-देने की बात कही गई थी।”
उनके मुताबिक, “मामले की जाँच के दौरान परिवार, दोस्त, पड़ोसी और अन्य लोगों से पूछताछ की गई। वसीम मौलवी भी था। उसने 65 साल के दिलशाद को अपना उस्ताद बनाया हुआ था, जो खुद भी मौलवी है। जब उसके इस मामले में सख्ती से पूछताछ की गई उसने अपने शागीर्द की हत्या की बात कबूल कर ली।”
साढ़े 7 लाख रुपए पर थी नजर
आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह वसीम को काम दिलाने के बहाने कैराना लेकर गया था। उसने उसे एक निर्माणाधीन मकान में बैठने को कहा। तभी मौका पाकर दिलशाद ने वसीम के सिर पर डंडे से ताबड़तोड़ कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद वह गद्दों का चेन वाला कवर लेकर आया और उसमें वसीम के उसने शव को डालकर छाती तक चेन बंद कर दिया। फिर उसने निर्माणाधीन मकान में ही उसका शव दफना दिया।
आरोपित दिलशाद यूपी के कांधला का रहने वाला है। वह वसीम को करीब 7 साल से जानता था। दिलशाद अक्सर वसीम के घर भी आता था। इस दौरान उसे यह पता लगा कि वसीम की जींद निवासी एक महिला अध्यापिका के साथ दोस्ती है। अध्यापिका ने उसे हाल ही में करीब साढ़े 7 लाख रुपए दिए थे, जिन पर उसकी (दिलशाद) की नजर थी। इन पैसों के लिए ही उसने एक सोची समझी साजिश के तहत अपने चेले को मार डाला।