हाथरस मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। योगी सरकार ने यह कार्रवाई प्राथमिक जाँच के आधार पर की है।
एएनआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय के हवाले से बताया है, “हाथरस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत अन्य अधिकारियों को प्राथमिक जाँच रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।”
यह भी बताया गया है कि इस मामले से जुड़े कई लोगों का नॉर्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया जाएगा। इनमें शिकायतकर्ता, आरोपित और पुलिसकर्मी शामिल हैं।
In the Hathras case, UP Chief Minister Yogi Adityanath has directed to suspend the SP, DSP, Inspector and some others officials, based on the preliminary investigation report: Chief Minister’s Office pic.twitter.com/8vzq0VK3UG
— ANI (@ANI) October 2, 2020
गौरतलब है कि हाथरस मामले में लगातार योगी सरकार की मंशा को लेकर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा था। हालाँकि, इस कार्रवाई से पहले सीएम योगी ने पीड़ित परिवार के साथ अपनी संवेदना प्रकट करते हुए उनको 25 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में बीते दिन के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। जिला व पुलिस प्रशासन की भूमिका के बारे में पूरा ब्योरा माँगा गया है।
इस बीच हाथरस कांड पर सीएम योगी ने शुक्रवार ने ट्वीट करके कहा, “उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुँचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह हमारा संकल्प है-वचन है।”
उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 2, 2020
इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
आपकी @UPGovt प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है।
यह हमारा संकल्प है-वचन है।
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हाथरस पीड़िता के दम तोड़ने के बाद से यह पूरा मामला गरमाया हुआ है। विपक्ष भी इस मौके का फायदा उठाकर अपनी राजनीति कर रहा है। कॉन्ग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी समेत कई विरोधी दल इस केस को लेकर योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।
बता दें कि हाथरस मामले में मृतका के साथ कथित तौर पर दो हफ्ते पहले बलात्कार हुआ था। इसके बाद उसके साथ घटना के वक्त हुई मारपीट में कई गंभीर चोटें आई और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। फिर उसके अंतिम संस्कार को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठे। हालाँकि बाद में यह साफ किया गया कि दाह संस्कार के समय मृतका के पिता वहाँ मौजूद थे।