महाराष्ट्र के नागपुर से धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहाँ एक युवक नागपुर निवासी संगीता (बदला हुआ नाम) को अपने प्रेम के जाल में फँसाकर पहले मेरठ अपने घर ले गया, फिर उसका धर्मांतरण कर कैद कर लिया। धर्मांतरण के बाद महिला का नाम आफिया रख दिया गया। महिला को जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने अपने माता-पिता से संपर्क कर उसे वहाँ से निकाने की गुजारिश की।
बेटी की स्थिति का पता चलते ही परिजनों ने उसे वापस लाने के लिए बजरंग दल के स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया। नवभारत की रिपोर्ट के मुताबिक, बजरंग दल के कार्यकर्ता मेरठ पहुँचकर संगठन के स्थानीय कार्यकर्ताओं की मदद से मुस्लिम बहुल इलाके में जाकर संगीता को वापस ले आए।
पीड़िता ने बताया कि आरोपित शख्स नागपुर में पीओपी का काम करता था। वह अपनी सहेली के जरिए उससे मिली थी। संगीता ने बताया कि उसकी सहेली और आरोपित एक ही धर्म के थे। लगातार मुलाकात के बाद आरोपित और संगीता के बीच नजदीकियाँ बढ़ गईं। डेढ़ साल बाद मुस्लिम शख्स ने निकाह का प्रस्ताव रखा और मेरठ में अपनी माँ से बात करवाई।
इस दौरान आऱोपित और उसके परिजनों ने संगीता को खूब लुभाने की कोशिश की। आरोपित की माँ ने संगीता से कहा कि वह उसे रानी की तरह रखेगी, बेटे के साथ मेरठ चली आए। उन लोगों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर संगीता 5 महीना पहले घर से भाग मेरठ आ गई। मेरठ में 5 दिन रहने के बाद शख्स ने संगीता के साथ निकाह कर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया और नया नाम आफिया दे दिया।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि कुछ दिन बाद उन लोगों का असली रूप उसके सामने आने लगा। वे उसे घर में कैद करके रखने लगे और नमाज के लिए मजबूर करने लगे। यहाँ तक कि उन्होंने उस पर मांस खाने का दबाव भी बनाया।
इन सब बातों से परेशान होकर संगीता ने अपने परिवार वालों से संपर्क साधा और अपनी गलती के लिए माफी माँगी। रिपोर्ट के मुताबिक, बजरंग दल की मदद से घर वापस आई पीड़िता ने कहा है कि वह उस शख्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।