बिहार के बेगुसराय से हिंदू समाज की एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का मामला प्रकाश में आया है। एक महादलित परिवार से आने वाली 11 वर्षीय पीड़िता शौच के लिए रात को घर से बाहर निकली थी, तभी दूसरे समुदाय के दो युवकों ने उसे पकड़ा और कब्रिस्तान में ले जाकर उसके साथ रेप किया। बाद में लड़की को सड़क पर छोड़ दिया गया। कुछ लोगों की नजर जब पीड़िता पर गई तो उसके घरवालों को सूचित किया गया और दो दिन बाद थाने में शिकायत दर्ज हुई। अब तक पूरे केस में एक आरोपित गिरफ्तार हुआ है। दूसरे की तलाश जारी है। पीड़िता का मेडिकल हो चुका है। पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
कब्रिस्तान में मारपीट के बाद किया रेप
पूरा मामला 8 अगस्त 2021 को रात 11-11:30 बजे का है। हालाँकि, शिकायत पर मुकदमा 10 तारीख को दर्ज हुआ। बेगुसराय के डंडारी थाना के कटहरी गाँव की 11 वर्षीय पीड़िता ने ऑपइंडिया को बताया कि वह 8 अगस्त को रात में शौच के लिए घर से बाहर निकली ही थी कि तभी उसके पड़ोस में गैराज में काम करने वाले मोहम्मद लड्डू और मोहम्मद सिन्टू वहाँ मोटरसाइकल से आए और उसका मुँह दबाकर उसे पकड़कर अपने साथ कब्रिस्तान में ले गए। दोनों ने वहाँ उसके साथ मारपीट करके दुष्कर्म किया। नाबालिग की माँ ने भी ऑपइंडिया से बातचीत में पुष्टि की है कि दोनों आरोपित उनके घर के पास बनी एक दुकान (गैराज) पर काम करते थे। इनके नाम मोहम्मद लड्डू और मोहम्मद सिन्टू हैं।
पीड़िता की आपबीती, पुलिस की कार्रवाई, बजरंग दल का समर्थन
पीड़िता की ओर से थाने में दी गई शिकायत की एक कॉपी ऑपइंडिया के पास है। इसमें नाबालिग ने आपबीती बताई है। शिकायत के मुताबिक, उसे दोनों आरोपितों ने जबरन बाइक पर बैठाया और एक किलोमीटर (किमी) दूर बने कब्रिस्तान ले जाकर थप्पड़ मारे। इसके बाद मोहम्मद सिन्टू ने उसे पकड़े रखा और मोहम्मद लड्डू ने उसका बलात्कार किया। लड़की बेहोशी जैसी हालत में हो गई तब जाकर उसे पास की सड़क पर छोड़ दोनों फरार हो गए।
पीड़िता को सड़क पर देख कुछ लोगों ने उसके घरवालों को सूचित किया और मामले में शिकायत लिखवाई गई। ऑपइंडिया ने इस बाबत डंडारी थाने में भी बात की। पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि इस मामले में एक आरोपित की गिरफ्तारी हो गई है। उसका असली नाम मोहम्मद अहमद आजम उर्फ मोहम्मद सिन्टू है। मोहम्मद लड्डू अभी फरार है। उसे पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। लड़की का मेडिकल करवा दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
इस केस के संबंध में बजरंग दल के विभाग संयोजक पंकज सिंह भी जिला प्रशासन से जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी की माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बजरंग दल बच्ची को न्याय दिलाने तक उनके साथ रहेगा। आज उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ पीड़िता के परिवार से मुलाकात की है।
क्यों हैं सब मौन?
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले एक रेप का ऐसा ही मामला दिल्ली के कैंट थाना इलाके के पुरानी नांगल से भी आया था। वहाँ एक 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि बड़े-बड़े नेता से लेकर कई लोगों ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई। आरोपितों को सजा दिलाने की माँग के साथ-साथ भर-भर कर हिंदुओं को, पुजारियों को, ब्राह्मणों को कोसा गया था। अब ऐसा ही मामला बिहार के बेगुसराय से है, लेकिन पूरे मुद्दे पर मीडिया कवरेज शायद ही आपको देखने को मिले।
कारण क्या है? ये शायद मीडिया के कथित दिग्गज पत्रकार और मौकापरस्त राजनेता ही बता पाएँगे कि आखिर रेप पीड़िताओं के लिए आवाज उठाने में इतना भेदभाव क्यों होता है। क्या सुदूर गाँव में हो रही ऐसी घटनाओं पर आवाज तभी उठाई जाएगी, जब पीड़िता के दोषी हिंदू या पुजारी होंगे और घटनास्थल मंदिर या श्मशान घाट होगा? क्या जिंदा बची पीड़िता ये उम्मीद नहीं बाँध सकती कि उसे भी इंसाफ दिलाया जाएगा या उसकी गलती ये है कि वह एक ऐसी जगह की निवासी है, जहाँ विपक्षी पार्टियाँ पहुँचकर अपनी राजनीति नहीं कर पाएँगे?