जानकारी के मुताबिक, हिंदू युवक याग्निक ने डेढ़ साल पहले अपने गाँव की एक मुस्लिम युवती रजमा से प्रेम विवाह किया था। चूँकि घरवाले इसके खिलाफ थे तो उन्हें उस समय गाँव छोड़ना पड़ा। हालाँकि डेढ़ महीने पहले जब दोनों माता-पिता बने तो दोबारा घरवालों के पास गाँव में लौट आए। उन्हें लगा कि दोनों का रिश्ता रजमा के घरवाले स्वीकार लेंगे लेकिन दोनों पति-पत्नी रजमा के घरवालों की साजिश से अंजान थे। उनके मन में बदले की आग जल रही थी।
पिछले शनिवार दोपहर करीब तीन बजे याग्निक अपने घर से निकला और अपने एक दोस्त के साथ गाँव के बस स्टेशन गया। उसे देखकर रजमा का भाई साजिद, नाबालिग आरोपित और उसका चाचा सलीम हुसैन, आमेद मूसा, जुमा मूसा, उस्मान मूसा और कासिम मिलाकर कुल सात लोग कुल्हाड़ी, चाकू और लोहे के पाइप जैसे घातक हथियार लेकर उसके पीछे दौड़ पड़े। इन सभी का मकसद सिर्फ याग्निक को मारना था और याग्निक इनके मनसूबों से अंजान था। वो जब तक अपने सामने हथियार लेकर दौड़ रहे लोगों को देख कुछ समझ पाता उस पर अंधाधुंध चाकू से वार होने शुरू हो गए।
रजमा के परिजनों का कहना था, उसने हमारी लड़की से शादी की है। हम उसे जिंदा नहीं जाने देंगे। ये कहते हुए सब उस पर टूट पड़े। एक ने पहले याग्निक को नीचे गिरा दिया। उसके पास कुल्हाड़ी से उसके पैर काट डाले। पीड़ित इस दौरान अपनी बीवी और मासूम बच्ची के नाम पर रहम की गुहार लगाता रहा, लेकिन मुस्लिम परिवार ने उसकी एक न सुनी। उसे चाकुओं से गोदा गया, कुल्हाड़ी से काटा गया। याग्निक के दोस्त ने उसे बचाने के प्रयास किए, लेकिन उन दरिंदों के आगे वह असहाय था। उसने मृतक के परिवार को हमले के बारे में बताया।
जैसे ही मां और पत्नी रजमा को घटना के बारे में पता चला, वे मौके पर पहुँचीं। हालाँकि, उन लोगों के पहुँचने से पहले रजमा के भाई और चाचा युवक को बेरहमी से मार चुके थे। पत्नी ने हड़बड़ी में 108 नंबर पर कॉल की। एक एंबुलेंस आई और युवक को युवक को लहूलुहान हालत में खंभालिया अस्पताल ले जाया गया। हालाँकि, उनकी हालत बहुत गंभीर होने के कारण उन्हें आगे के इलाज के लिए जामनगर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। फिर परिजन उन्हें एंबुलेंस में लेकर जामनगर के लिए निकले। लेकिन सिक्का गाँव के पास ही याग्निक ने अपना दम तोड़ दिया। जामनगर के जीजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने भी उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हत्या की बाबत हिंदू युवक की माँ ने भारवाड़ थाने में एक ही मुस्लिम परिवार के सात लोगों के बारे में जानकारी दी है, जिनमें साजिद ईशा देथा, सलीम हुसैन देथा, जुमा मूसा देथा, एडम मूसा उर्फ अदु, उस्मान मूसा उर्फ भाको उस्मान, होथी कासम उर्फ दादो देथा और एक शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले को बीएनएस की धारा 103(2), 189(2), 189(4), 1991(2), 191(3), 190 और जीपी एक्ट धारा 135(1) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। वहीं रजमा ने मीडिया के सामने आकर अपने पति के लिए न्याय माँगा। पुलिस भी मामला हिंदू मुस्लिम होने के कारण सतर्क है। गाँव को छावनी में बदल दिया गया है। एक नाबालिग समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।