बहन के घर से लौट रहे आजमगढ़ के एक युवक राजीव गौतम को ट्रेन में सवार कुछ मुसलमानों ने मार पिटाई कर चलती ट्रेन से बाहर धक्का दे दिया। जिसके बाद राजीव की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना मंगलवार को गाज़ीपुर के हुर्मुज़पुर हॉल्ट के पास हुई।
32 वर्षीय मुबारकपुर का रहने वाले राजीव गौतम अपने रिश्तेदार श्रीकांत के साथ पैसेंजर ट्रेन में मऊ जा रहे थे। श्रीकांत के मुताबिक मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक वाला एक व्यक्ति अपने ही जैसे दर्जनों साथियों के साथ सआदत रेलवे स्टेशन से ट्रेन में चढ़ा और ट्रेन के आगे बढ़ते ही उसके साथ वाले युवकों ने ट्रेन में यात्रा कर रहे राजीव को घेर लिया। सुबह तकरीबन 10 बजे गाजीपुर जिले के बहरियाबाद थाना क्षेत्र में पड़ने वाले हुर्मुज़पुर हॉल्ट के पास उन लोगों ने मार पीट की और इसके बाद उन्होंने राजीव गौतम को बोगी की आपातकालीन खिड़की से धक्का मारकर बाहर फेंक दिया।
श्रीकांत ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान उनकी बड़ी तादाद के चलते ट्रेन में एक भी व्यक्ति ने उनकी इस हरकत के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं दिखाई और न ही किसी ने उनकी इस करतूत का विरोध किया। जब ट्रेन जखनिया स्टेशन पर रुकी तो हमलवार ट्रेन से उतरकर भाग गए। इस घटना में श्रीकांत भी ज़ख़्मी हो गए, बाद में उन्होंने इस मामले की शिकायत स्टेशन ऑफिसर से की, साथ ही मृत राजीव के परिवारजनों को भी इस समबन्ध में सूचित कर दिया।
घटनास्थल पर पहुँची बहरियाबाद थाने की पुलिस ने रेलवे के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में जानकारी ली। रिश्तेदारों के मुताबिक राजीव गौतम आजमगढ़ गझरा गाँव के रहने वाले हैं। बता दें कि राजीव की शादी आजमगढ़ के भिखा गाँव की रहने वाली निशा से हुई थी। इसके बाद राजीव गौतम की आयशा खातून से दूसरी शादी हुई। दोनों स्त्रियों ने आपसी सहमती से एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया। इससे पहले राजीव की पहली पत्नी निशा उनके पैतृक गाँव गझरा में ही रहती है जबकि आयशा खातून मुबारकपुर के इस्लामपुर इलाके में एक किराए के मकान में अपनी पति के साथ रहा करती।
राजीव के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उसके हत्यारों का ताल्लुक सीधे आयशा के परिवार और उसके समुदाय से है। उन्होंने बताया कि वे लोग (हत्यारे) आयशा के जानने वाले थे और अक्सर उसके घर आया करते थे।