Sunday, November 17, 2024
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‘हमारे दो धर्म योद्धाओं को रिहा किया जाए, वरना भयानक होंगे परिणाम’: संत सम्मेलन में चेतावनी, ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की माँग

"भारत का संविधान और भारत की शासन व्यवस्था इस देश की सनातन संस्कृति के अनुरूप होनी चाहिए। यहाँ हिन्दू के हितों का रक्षण होना चाहिए।"

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ‘संत सम्मेलन’ का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया। साथ ही मुस्लिमों का अल्पंसख्यक दर्ज खत्म करने की भी माँग की गई है। इसमें देश के कई हिस्सों से आए तमाम संत शामिल हुए। संत सम्मेलन 29 जनवरी, 2022 (शनिवार) को आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

सम्मेलन में एक संत को कहते सुना गया, “चाहे देश का प्रधानमंत्री हो या उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हो, हिन्दू राष्ट्र को कोई रोक नहीं सकता। यह मेरी भविष्यवाणी है कि आने वाले 2023 तक भारत हिन्दू राष्ट्र होगा। और जो इस पर राजनीति करेगा वही अखंड भारत का अगला प्रधानमंत्री होगा।” इसी के साथ जय श्रीराम और जय हिन्दू राष्ट्र के नारे लगते हैं।

इस सम्मेलन के आयोजक आनंद स्वरूप ने कहा, “जेल में बंद जो हमारे 2 धर्म योद्धा हैं – उनको 1 सप्ताह के अंदर अगर रिहा नहीं किया गया तो यह आंदोलन बहुत उग्र होगा। उग्र ही नहीं, यह परिणाम बहुत भयानक होगा। हो सकता है कि जैसा भगत सिंह का एसेम्ब्ली कांड हुआ वैसा ही न हो जाए। यहाँ आज 3 प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इनसे सरकार को भी अवगत कराया जाएगा। मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से भी संदेश जा रहा है। अभी गाँव – गाँव धर्मसंसद होगी।”

आयोजक आनंद स्वरूप ने आगे कहा, “प्रशासन ने हमें धर्म संसद का नाम बदलने को नहीं कहा। नीचे आयोजक में धर्म संसद संचालक समिति लिखा हुआ है। इस देश को धर्माचार्य दिशा देते रहे हैं और वही चलाएँगे। धर्म संसद के माध्यम से हमने नई दिशा देने का काम किया है। निश्चित रूप से जिनके लिए खतरे की घंटी है कि कहीं हमारी दुकान न बंद हो जाए वो लोग धर्म संसद को फेल करने के षड्यंत्र में शामिल हैं। फिर भी यह अब तक का सबसे बड़ा संत सम्मेलन है। मंच पर तमाम वरिष्ठ संत मौजूद थे। उनके ही नेतृत्व में यह सभा की गई है। कल रात से ही प्रशासन के लोग संतों को प्रताड़ित किए हैं।

इसी सम्मेलन में शामिल एक अन्य संत ने कहा, “भारत का संविधान और भारत की शासन व्यवस्था इस देश की सनातन संस्कृति के अनुरूप होनी चाहिए। यहाँ हिन्दू के हितों का रक्षण होना चाहिए। हिन्दू हितों का रक्षण सर्वोपरि होना चाहिए। इस देश में जो अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति हो रही है। अल्पसंख्यक यहाँ से समाप्त होना चाहिए। इस देश में कोई अल्पसंख्यक नहीं है। यहाँ समान नागरिक, समान अधिकार, समान कानून और समान कर्तव्य होने चाहिए। यही मुद्दे आज यहाँ पर उठाए गए।”

वर्तमान समय में प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है। वहाँ देश विदेश से साधु – संत और श्रद्धालु आए हुए हैं। सम्मेलन ब्रह्मर्षि आश्रम ट्रस्ट शिविर परिसर में आयोजित हुआ था। यह दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ था। इस सम्मेलन में संतों ने देश की सवा सौ करोड़ जनता से स्वयं ही देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की अपील की। सम्मेलन का उद्देश्य भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना और इस्लामी जिहाद का विरोध करना बताया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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