26 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (BJYM) के कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की कट्टर इस्लामी हमलावरों ने हत्या कर दी थी। चिकन की दुकान चलाने वाले नेट्टारू जब घर लौट रहे थे, तब उन पर हमला किया गया था। उनके हत्यारे शाम के समय कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के बेल्लारे में एक बाइक पर आए थे। हत्यारों ने नेट्टारू पर धारदार हथियारों से हमला किया और फरार हो गए थे। हमले के बाद प्रवीण नेट्टारू को अस्पताल ले जाया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
प्रवीण नेट्टारू की हत्या के कारणों पर शुरुआती अटकलें
प्रवीण नेट्टारू भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा (भाजयुमो) के सक्रिय कार्यकर्ता थे। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा की दक्षिण कन्नड़ जिला इकाई के कार्यकारी समिति के सदस्य थे। उनका बेल्लारी में पोल्ट्री व्यवसाय था। 26 जुलाई, 2022 को जब वह अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहे थे, तब उन पर धारदार हथियारों से हमला किया गया और हमलावरों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर मोटरसाइकिल पर आए थे। मोटरसाइकिल पर केरल का रजिस्ट्रेशन नंबर था। जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह केरल सीमा के करीब है। प्रवीण नेट्टारू के गिरने के तुरंत बाद हमलावर भाग गए। प्रवीण नेट्टारू को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं सके।
कर्नाटक में बीजेपी युवा मोर्चा के एक नेता की हत्या से हड़कंप.. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है#BJPYuvaMorchaSecretaryMurder #PraveenNettaru #Karnataka pic.twitter.com/z5UA9bXJnf
— India TV (@indiatvnews) July 27, 2022
इसके बाद जब कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए जाँच शुरू की। कई अटकलों में यह कहा गया कि एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या और एक मस्जिद से संबंधित मामले सहित उससे पहले की दो घटनाओं के कारण प्रवीण नेट्टारू की हत्या हो सकती है। हालाँकि, ये सभी बातें सिर्फ शुरू में ही कही गई। इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शुरुआत में सामान्य था। लेकिन, फिर पूरे राज्य में प्रदर्शन होने शुरू हो गए थे।
जाँच और गिरफ्तारियाँ
28 जुलाई, 2022 को कर्नाटक पुलिस ने भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य प्रवीण कुमार नेट्टारू की हत्या के मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। आरोपितों की पहचान जाकिर और मोहम्मद शफीक के रूप में हुई। दोनों को केरल के कासरगोड से गिरफ्तार किया गया था। जाकिर 29 साल का है और सवनूर का रहने वाला है जबकि 27 साल का मोहम्मद शफीक बेल्लारी का रहने वाला है। ये दोनों हत्या के साजिशकर्ता थे, न कि वास्तविक हमलावर।
Zakir and Shafiq who are arrested in BJP worker Praveen Nettaru murder case pic.twitter.com/WmXHa9Wbg3
— Divya Cutinho_TNIE (@cutinha_divya) July 28, 2022
इन दो आरोपितों की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही ऐसी खबरें सामने आई थीं कि शफीक और जाकिर इस्लामी आतंकवादी संगठन पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े हुए हैं। शफीक की पत्नी ने पुष्टि की है कि उसका पति PFI का सक्रिय सदस्य था। शफीक की पत्नी ने इंडिया टुडे को बताया था, “मेरे पति पीएफआई के सदस्य हैं और उन्हें मालूम था कि प्रवीण की हत्या हुई है।”
शफीक एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) से भी जुड़ा और उसने विभिन्न कथित ‘सामाजिक’ कार्यक्रम भी आयोजित किए थे। शफीक की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा था कि शुरू में उसके पति को हत्या की जानकारी नहीं थी। उसका कहना था कि लेकिन, जब यह पता चला कि गाँव में किसी की हत्या हुई है तो उनकी आँखों में आँसू आ गए थे।
शफीक के पिता प्रवीण नेट्टारू की दुकान में काम करते थे
इस मामले में एक और अहम तथ्य यह है कि आरोपित शफीक के पिता इब्राहिम प्रवीण नेट्टारू की चिकन की दुकान पर कसाई का काम करते थे। इस बात का खुलासा खुद इब्राहिम ने मीडिया से बातचीत के दौरान किया था। इब्राहिम ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया था, “मैं प्रवीण की दुकान पर काम करता हूँ। मेरा बेटा और प्रवीण वहाँ बात करते थे।” इब्राहिम ने अपराध में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया था। साथ ही आरोप लगाया था कि उसे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वो लोग मुस्लिम हैं। प्रवीण नेट्टारू की नृशंस हत्या एक मामला है, जहाँ आरोपित और उसका परिवार पीड़ित को जानता था।
उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल और अमरावती में कैमिस्ट उमेश कोल्हे को पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करने के लिए इस्लामवादियों ने मार डाला था। इन दोनों मामलों में मुखबिर या साजिशकर्ता पीड़ितों के परिचित थे। कन्हैया लाल की तस्वीर और लोकेशन को उसके पड़ोसी नाजिम ने लीक कर वायरल कर दिया था। नाजिम और उसके मुस्लिम साथियों ने भी उनकी दुकान की रेकी की।
उमेश कोल्हे के परिवार के साथ जो घटना घटी, उसमें उनके 16 साल पुराने दोस्त यूसुफ खान ने भी मदद की थी। कन्हैया लाल की तरह, नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए उमेश कोल्हे को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। कोल्हे की हत्या के लिए यूसुफ ने ही इस्लामवादियों को अपने दोस्त की हत्या करने के लिए उकसाया था। पुलिस के अनुसार, युसूफ खान ने उमेश कोल्हे के मैसेज को व्हाट्सएप ग्रुपों में यह कहते हुए शेयर किया था कि उमेश कोल्हे ईशनिंदा के आरोपी का समर्थन कर रहे हैं।
हत्या के कारणों पर थ्योरी
अब तक हत्या के विभिन्न कारणों के साथ तीन अलग-अलग थ्योरी सामने आ चुकी हैं। एक तो यह है कि प्रवीण नेट्टारू को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने कन्हैया लाल का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। दूसरी थ्योरी यह थी हो सकता है कि एक मुस्लिम व्यक्ति, (जिसे हिन्दू व्यक्ति की पिटाई के बाद हिंदुओं ने मिलकर पीटा था जिस कारण उसकी मौत हो गई थी) की मौत के प्रतिशोध के रूप में उनकी हत्या की गई हो। तीसरी थ्योरी में कहा गया कि प्रवीण नेट्टारू ने जिस चिकन की दुकान खोली थी, वह इलाके में मुस्लिमों द्वारा चलाई जा रही मीट की दुकानों से कहीं बेहतर कमाई कर रही थी। ऐसे में प्रवीण इस्लामवादियों के लिए नफरत का कारण बन गए थे।
पुलिस प्रशासन की उदासीनता
दूसरी थ्योरी पर फोकस करें तो कई स्थानीय हिंदू नेता कथित रूप से उस क्षेत्र में इस्लामवादियों की हिटलिस्ट में थे। बताया जाता है कि, मसूद नाम के एक मुस्लिम की मौत का बदला लेने के लिए ऐसा प्लान बनाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रवीण नेट्टारू ने स्थानीय पुलिस को धमकियों की जानकारी देते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। लेकिन, पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया था कि वह कोई इतने बड़े नेता नहीं हैं जिन्हें धमकियाँ मिल रही हों।
प्रवीण नेट्टारू हत्याकांड में पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़ी और गिरफ्तारियाँ
11 अगस्त, 2022 को प्रवीण नेट्टारू हत्याकांड के तीन मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। ये गिरफ्तारी मंगलुरु पुलिस ने तलपडी चेक पोस्ट के पास की थी। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सुलिया के शियाबुद्दीन अली, बशीर और सुब्रमण्या के रियाज के रूप में हुई। उन्हें यह भी संदेह था कि गिरफ्तार आरोपित इस्लामिक संगठन PFI और उसकी राजनीतिक शाखा SDPI से जुड़े हो सकते हैं। 18 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने इस मामले के 5 प्रमुख आरोपितों को आगे की जाँच के लिए हिरासत में ले लिया था।
प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद सामने आया जन आक्रोश
प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद कर्नाटक के दक्षिणी हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। बेल्लारी और सुलिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने बंद का आह्वान किया। 27 जुलाई की सुबह प्रवीण नेट्टारू के शव को उनके घर ले जाए जाने के दौरान सैकड़ों लोग उनके साथ थे।
#WATCH | Protestors express their anger over the murder of BJP Yuva Morcha worker Praveen Nettaru in Bellare, Dakshina Kannada.
— ANI (@ANI) July 27, 2022
The car being jolted by protesters reportedly belongs to Dakshina Kannada MP Nalinkumar Kateel#Karnataka pic.twitter.com/J4HyBZr0br
इस हत्या के बाद गुस्साए भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफे देने शुरू कर दिए। इस घटना के बाद पार्टी की भाजयुमो के कार्यकर्ता बेहद दुःखी और आक्रोशित यह थे। कई कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफे वाली पोस्ट भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
इस मामले में, कर्नाटक भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने यह भी कहा कि भाजपा शासन होने के बावजूद हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। रेणुकाचार्य ने कर्नाटक में हिंदुओं की रक्षा नहीं होने पर विधायक पद से अपना इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी।
Following the murder of BJP worker Praveen Nettaru, the members of BJP Yuva Morcha have launched a resignation campaign in many parts of Karnataka.
— Express Bengaluru (@IEBengaluru) July 27, 2022
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यही नहीं, प्रवीण नेट्टारू की हत्या का विरोध कर रहे हिंदू कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील की कार को घेर लिया था और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से जवाब माँगा था।
कर्नाटक भाजपा ने सौधा में एक आधिकारिक कार्यक्रम और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के कार्यालय में एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 28 जुलाई को डोड्डाबल्लापुर में एक विशाल रैली की योजना बनाई थी। इस कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होने वाले थे। हालाँकि, इस हत्या और उसके बाद बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध को देखते हुए पार्टी ने कार्यक्रम रद्द कर दिया था।
राज्य सरकार का स्टैंड
28 जुलाई 2022 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह कर्नाटक में देश विरोधी और कट्टरपंथी उपद्रवियों से निपटने के लिए यूपी मॉडल को लागू करने में संकोच नहीं करेंगे।
Whatever the possible we will do that… If need be, If the situation says “UP model” or much more stricter than that we will not hesitate for that also: Karnataka CM Basavaraj Bommai on BJP Yuva Morcha worker’s murder in Dakshin Kannada district pic.twitter.com/0wnaJN3FFb
— Nikhil Choudhary (@NikhilCh_) July 28, 2022
सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा था, “जो भी संभव होगा, हम करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो ‘यूपी मॉडल’ या उससे भी सख्त कदम उठाने के लिए हम नहीं हिचकिचाएँगे।” यूपी मॉडल शब्द का अर्थ है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कड़े कदम, जिसमें बदमाशों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल शामिल है।
Govt will form a commando force with special training, intelligence, ammunition, resources to go after anti-national & terror groups conspiring to disrupt the peace & stir communal tensions in the state: Karnataka CM Basavaraj Bommai, in an emergency press conference at midnight pic.twitter.com/U46Si8IUDr
— ANI (@ANI) July 27, 2022
27 जुलाई और 28 जुलाई की मध्यरात्रि को, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार विशेष प्रशिक्षण, खुफिया, गोला-बारूद और संसाधनों के साथ एक कमांडो फोर्स बनाएगी। यह कमांडो फोर्स राष्ट्र-विरोधी और आतंकी समूहों द्वारा शांति भंग करने की साजिश रचने पर कार्रवाई करेगी।
कर्नाटक में पैर पसारता इस्लामिक कट्टरपंथ
बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथ दक्षिणी राज्यों में भी पाँव पसार रहा है। टीपू सुल्तान का महिमामंडन होता रहता है। ऐसा दिखाया जाता है कि निजाम ने जानबूझ कर पाकिस्तान को छोड़ भारत को चुना।
कर्नाटक ने वर्ष 2022 की शुरुआत में इस्लामवाद और उसके कट्टरपंथ का बड़ा स्वरूप देखा है। राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड होने के बाद भी मुस्लिम छात्राओं ने इस्लामी पारंपरिक पोशाक के अनुसार हिजाब पहनने के लिए अड़ियल रुख अपनाया। 2022 के शुरुआती महीनों में यह एक बड़ा मुद्दा रहा। इसके अलावा, लाउडस्पीकर से दिन में 5 बार नमाज खासतौर से सुबह-सुबह का शोर आसपास के निवासियों की परेशानी का दूसरा बड़ा कारण था।
इसके अलावा, नूपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित ईशनिंदा पर विरोध की आड़ में विरोध या हिंसा की घटनाओं ने बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष और भाजयुमो नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्याओं से पहले के महीनों में राज्य में कई ऐसी घटनाएँ होती रहीं हैं। ऐसी घटनाएँ बतातीं हैं कि इस्लामिक कट्टरपंथ किस हद तक हावी होता जा रहा है।