हिंदूफोबिया से ग्रसित कंपनियों की सूची में अब एक नया नाम Unacademy का जुड़ा है। ये पोर्टल न सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम तनाव का माहौल पैदा करने वाले कंटेंट्स बच्चों को परोस रहा है, बल्कि हिन्दुओं के प्रति छात्रों में घृणा का भाव भी जगा रहा है। इसकी करतूतों से तंग लोगों ने सलाह दी है कि ये अपना नाम बदल कर ‘उम्माह एकेडमी’ कर ले। वकील प्रखर बंसल ने ऐसा ही एक सवाल शेयर किया।
सवाल कुछ इस प्रकार है, “X नाम के एक शहर में मुस्लिम लोगों का एक समूह अपनी रैली निकाल रहा था। वे अपने नारे लगा रहे थे और अपना त्यौहार मना रहे थे। जब वे एक हिन्दू बहुल कॉलोनी की गलियों से गुजर रहे थे, तो क्षेत्र के हिन्दुओं ने उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और दावा किया कि उन्होंने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। क्या ये दावा सही है?” इसका जवाब चुनने के लिए 3 विकल्प दिए गए। वो तीनों विकल्प हैं –
- हाँ, उन्होंने शब्दों के द्वारा, यानी नारे लगा कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई।
- हाँ, उन्होंने दृश्यप्रस्तुति के द्वारा, यानी उस इलाके में रैली निकाल कर हिन्दुओं को धार्मिक भावनाओं को आहत किया।
- नहीं, उनका इरादा किसी भी वर्ग के नागरिकों यानी हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि Unacademy बेंगलुरु में स्थित एक शैक्षिक तकनीकी कंपनी है। जिसे 2010 में एक यूट्यूब चैनल के रूप में गौरव मुंजाल द्वारा क्रिएट किया गया था। 2015 में इसे एक कंपनी का रूप दिया गया और हजारों शिक्षकों व छात्रों को इससे जोड़ा गया। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों को ये लाइव क्लास की सुविधा देता है और अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए मैटेरियल्स उपलब्ध कराता है।
कई अन्य लोगों ने भी Unacademy द्वारा इस तरह हिन्दूघृणा फैलाने के सबूत दिए। एक ‘Unacademy Plus’ के सब्सक्राइबर ने बताया कि बच्चों की अंग्रेजी की पुस्तकों के माध्यम से आयुर्वेद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। UPSC की तैयारी के लिए इस पोर्टल का प्रयोग करने वाले छात्रों का भी कहना है कि वीडियो लेक्चर्स के जरिए हिन्दू विरोधी प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है।
— BekaarAadmi🚶 (@BekaarAaadmi) May 19, 2021
अगर ऊपर दिए गए सवाल को ही ले लें तो आप पाएँगे कि जो नैरेटिव फैलाया जा रहा है, वास्तविकता में उसके एकदम उलट चीजें हो रही हैं। एक तो अधिकतर हिन्दू त्योहारों, विसर्जन और कार्यक्रमों को ही पत्थरबाजी का सामना करना पड़ता है। ऊपर से तमिलनाडु में मुस्लिम समुदाय ने ही हिन्दुओं द्वारा रैली निकालने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट में गया। जबकि बच्चों को झूठ परोसा जा रहा है।
दुर्गा पूजा से लेकर रामनवमी जैसे त्योहारों में हिन्दुओं को प्रतिमा विसर्जन के दौरान मस्जिदों या मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरते हुए पत्थरबाजी का सामना करना पड़ता है। ईद की रैली या किसी मस्जिद पर पत्थरबाजी की खबर आपने सुनी है? मंदिरों में घुस कर प्रतिमाएँ खंडित कर दी जाती हैं। लेकिन, ये सब छात्रों को नहीं बताया जाता। उन्हें काल्पनिक ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब सिखाई जाती है, जिसमें पीड़ित मुस्लिम होते हैं और अत्याचारी हिन्दू।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब Unacademy को लेकर इस तरह का विवाद सामने आया हो। सितम्बर 2020 में UnAcademy कोचिंग सेंटर के एक शिक्षक वरुण अवस्थी को अपने एक वीडियो में छात्रों को ऐके-47 बंदूक उठाने के लिए उकसाते हुए पाया गया था। इससे पहले भी अनअकैडमी के एक शिक्षक ने ब्राह्मण को टारगेट करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था। वहीं एक अन्य शिक्षक ने राम मंदिर आंदोलन का मज़ाक उड़ाया था।