बदमाशों की नज़र अब ऐसे प्राचीन भारतीय स्थलों पर है, जिनका हिन्दू समाज में ख़ासा महत्व है। कर्नाटक से आई ख़बर के मुताबिक़ हम्पी के नजदीक स्थित नव वृन्दावन में तोड़फोड़ की गई है। कभी हम्पी को विश्व के सबसे सुन्दर और समृद्ध नगरों में से एक गिना जाता था। कोप्पल जिले में ये घटना तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित माधव परंपरा के अनुयायियों द्वारा पूजित पवित्र स्थल पर घटी। गुरुवार की सुबह (जुलाई 18, 2019) की ये तोड़फोड़ आषाढ़ एकादशी जैसे संवेदनशील मौके पर की गई, जब वहाँ कई श्रद्धालु जुटते हैं।
नव वृन्दावन में माधव परंपरा के 9 संतों की समाधियाँ हैं। इस परंपरा के मानने वाले लोग ब्राह्मण हैं, जो तमिलनाडु और कर्नाटक से लेकर गोवा तक बसे हुए हैं। पुलिस का कहना है कि इस क्षेत्र में कुछ ऐसे बदमाश सक्रिय हैं, जो पुराने खजानों की खोज में पुरातन स्थलों को निशाना बनाते हैं।
The Brindavan of Saint Sri Vyasaraja was demolished last night.
— | विवेक – বিবেক – விவேக் | (@oyevivekk) July 18, 2019
Unfortunately it’s not the only incident off late, look at the pattern it’s happening all over the country, some forces are trying to extinguish all symbols of our traditions & culture.
Exposes our vulnerability. pic.twitter.com/S4Ieb54eSC
मौसम की स्थिति को देखते हुए अनेगुंदी से बल्लारी तक सिर्फ़ नाव से ही पहुँचा जा सकता है। चूँकि यह स्थल तुंगभद्रा नदी में स्थित एक द्वीप पर है, यहाँ तक पहुँचने व वापस आने के लिए प्रशासन द्वारा नाव चलाया जाता है। यह सेवा शाम 4 बजते ही समाप्त कर दी जाती है। ऐसे में, पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर ये जानने की कोशिश कर रही है कि क्या उन्होंने संदिग्ध लोगों को देखा था?
Deeply hurt to know that 15th century Brundavana of Saint Vyasaraja Swamy, Rajaguru of Vijayanagara Emperor Krishnadevaraya – was desecrated & destroyed in Hampi
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) July 18, 2019
Such destruction happened 5 centuries ago by Bahamani Sultans!#ProtectOurHeritage @prahladspatel @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/VumnivSGN2
पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने पवित्र स्थल की खुदाई व तोड़फोड़ से पहले कुछ कर्मकांड किया था, जिससे साफ़ होता है कि यह कृत्य ‘खजाना खोजी’ अपराधियों का ही है। दक्षिण भारत के पराक्रमी राजा कृष्णदेवराय के खजाने की खोज में ऐसी कई वारदातें सामने आई हैं। पाँच महीने पहले भी कुछ बदमाशों ने हम्पी में प्राचीन स्थलों को नुकसान पहुँचाया था।