दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल की दुर्व्यवस्था और कोरोना संक्रिमत मरीजों की दुर्गति का खुलासा करते हुए इंडिया टीवी ने एक विशेष रिपोर्ट पेश किया है।
Patient at Delhi's #LNJPHospital dies amid Dr Suresh Kumar's claims of efficient medical services; wife of deceased narrates ordeal.
— India TV (@indiatvnews) June 11, 2020
Watch @dikshapandey30's report with @SushantBSinha pic.twitter.com/PVwoCmWezA
देश की राजधानी दिल्ली में कोविड- 19 के इलाज और इस महामारी में हजारों मरीजों की देखभाल के लिए समर्पित इस अस्पताल से बेहद ही चौकाने वाली वीडियो सामने आई है। जोकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ते स्वास्थ्य ढाँचे की झलक को पेश करते हैं। भारत में अब मुंबई के बाद दिल्ली इस महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हो चुका है।
इंडिया टीवी की ख़बर से LNJP अस्पताल में हड़कंप
— India TV (@indiatvnews) June 11, 2020
देखिए @dikshapandey30 की यह रिपोर्ट#LNJP #LNJPHospital
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लोकनायक अस्पताल के अंदर इंडिया टीवी के पत्रकारों द्वारा लिए गए इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह बिना कपड़ों की लाश फर्श पर लावारिस अवस्था में पड़ी थी, जिसके आस-पास कोई अस्पताल का कर्मचारी नहीं था, जो उसे उठा सके या ले जा सके।
इंडिया टीवी से बात करते हुए, एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुरेश कुमार ने दावा किया कि हो सकता है नग्न लाश फर्श पर गिर गई हो जब डॉक्टर नॉन रेस्पॉन्सिव मरीज की छाती को दबा कर उसे पुनर्जीवित या होश में लाने की कोशिश कर रहे हो। उन्होंने बताया कि सीपीआर और चेस्ट कम्प्रेशन के दौरान मरीज के शरीर से कैथिटर, ड्रिप और कपड़ों को निकाल दिया जाता है।
दर्दनाक और भयानक हैं LNJP अस्पताल के अंदर की तस्वीरें। क्या सरकार कोई ऐक्शन लेगी ? या मरीज़ों को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ देंगे? @LtGovDelhi @ArvindKejriwal #LNJP #LNJPHospital
— India TV (@indiatvnews) June 11, 2020
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हालाँकि, डॉक्टर इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाए कि फर्श पर बिना कपड़ों के नंगी लाश क्यों पड़ी थी।
इंडिया टीवी की तरफ से शेयर किए गए वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कुछ मरीज अस्पताल में बेहोश पड़े थे, जिनको देखने के लिए वहाँ कोई भी मेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था।
इंडिया टीवी की रिपोर्ट ने यह दावा किया कि उनके रिपोर्टर काफी समय तक अस्पताल के अंदर थे, मगर उन्होंने बेहोश पड़े मरीजों के इलाज के लिए किसी भी हेल्थकेअर स्टाफ को उन्हें अटेंड करते हुए नहीं देखा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कई घण्टों तक वहाँ न कोई हेल्थकेयर कर्मी मरीजों की देखभाल के लिए आया, न ही वहाँ बेसहारा पड़ी लाशों को हटाया गया।
इंडिया टीवी से बात करते हुए, मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने दावा किया कि ये सभी वीडियो भ्रामक है और उनके पास कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाएँ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एलएनजेपी इस वक्त देश का सबसे बड़ा अस्पताल है जो कोरोनो वायरस संक्रमितों का इलाज कर रहा है। साथ ही उन्होंने अब तक 3,000 से अधिक रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
डॉ. सुरेश कुमार ने यह भी कहा कि एलएनजेपी एक तृतीयक देखभाल सुविधा है और उन्हें अक्सर ऐसे मरीजों का इलाज करना पड़ता हैं, जो पहले से ही गंभीर हैं। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल मरीजों के उपचार और शवों के दाहसंस्कार के सभी प्रोटोकॉल का पालन करता हैं।
लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीज को भर्ती न करने पर उसकी मौत
वहीं कुछ दिन पहले दिल्ली की रहने वाली अमरप्रीत के पिता की कोरोना वायरस से मौत हो गई। अमरप्रीत का दावा किया था कि LNJP हॉस्पिटल ने उनके पिता को भर्ती करने से मना कर दिया था। उनके पिता तेज बुखार से पीड़ित थे और गंगाराम हॉस्पिटल से एलएनजेपी शिफ्ट किए गए थे। वह दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल के बाहर उन्हें भर्ती किए जाने के इंतजार में बैठी रहीं मगर भर्ती नहीं होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
लोकनायक अस्पताल में शवों की दुर्गति
गौरतलब है हाल ही में लोक नायक अस्पताल में शवों की बदत्तर स्थिति को देखते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों को नोटिस जारी किया है। जहाँ अस्पताल स्थित कोविड-19 मॉर्चरी में 80 शवों वाले रेक के भरने के बाद 28 कोरोना संक्रिमत शव ज़मीन पर एक जे ऊपर एक पड़े थे।
जिस पर अस्पताल अधिकारी ने शवगृह की हालत बताते हुए कहा था कि, अभी तक पाँच दिन पहले जिनकी मौत हुई थी उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से मॉर्चरी में हर दिन संख्या बढ़ती चली जा रही है। पिछले हफ्ते जमीन पर 28 की जगह 34 शव रखें हुए थे।
दिल्ली में कोरोना संक्रमित के अबतक के आँकड़े
दिल्ली में 11 जून को कोरोना वायरस संक्रिमतों के करीब 1500 नए केस दर्ज किए गए हैं। जिसकी वजह से कोविड-19 के संक्रिमतों का आँकड़ा 32810 पहुँच गया हैं। जिनमें से 19581 एक्टिव केसेस हैं। अब तक 984 लोगों की जान इस महामारी की वजह से जा चुकी हैं और 12,245 मरीज इस महामारी से ठीक भी हो चुके हैं।