उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से गुरुवार (जनवरी 30, 2019) को ऐसी खबर आई जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया। जिले के मोहम्मदाबाद के कठरिया गॉंव में एक सिरफिरे ने अपने घर में बच्चों को बंधक बना लिया। लोगों और पुलिस ने समझाने की कोशिश की तो गोलियॉं चलाई। करीब 8 घंटे चला यह संकट तब खत्म हुआ जब देर रात सिरफिरा सुभाष बाथम मार गिराया गया। उसके मारे जाने के बाद बंधक बनाए गए सभी 24 बच्चे सकुशल मुक्त करा लिए गए थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बंधक बने बच्चों में 14 साल की अंजलि भी थी। उसकी समझदारी और बहादुरी से न केवल सभी बच्चों की जान बची, बल्कि सुभाष भी मजबूर हो गया था। असल में सुभाष ने बच्चों को अपने घर के तहखाने में बंद कर दिया था। वहॉं विस्फोटक से भरी बोरी में बैट्री का तार डालकर विस्फोट करने की साजिश रची थी। अंजलि ने होशियारी दिखाते हुए तार को बारूद से अलग कर दिया और तहखाने के लोहे के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। इसके बाद सुभाष ने कई बार दरवाजा खुलवाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया।
जब सभी बच्चे मुक्त कराए गए तो अंजलि के चेहरे पर भी दहशत साफ झलक रही थी। उसने बताया, “सुभाष चाचा कह रहे थे कि अगर मुॅंह से आवाज निकाली तो सबको विस्फोट से उड़ा देंगे। सभी बच्चे डर गए थे। वह बाहर निकले तो मैंने तार तोड़ दिया और तहखाने का लोहे का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया। उनके कहने पर भी गेट नहीं खोला।”
Amazing presence of mind of this 15 year old girl..amazing ability to stay calm ..moment hostage-taker and his wife left the basement where they were holed up she bolted the door from Inside,didnt open it even after hostage-taker banged on it
— Good Governance ?? (@sri9011) February 1, 2020
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बकौल अंजलि सुभाष की पत्नी ने उनलोगों को दरवाजे के नीचे से बिस्कुट और खाना दिया था लेकिन किसी ने कुछ नहीं खाया। रात डेढ़ बजे के करीब जब पुलिस गेट तोड़ने लगी तो उन्होंने दरवाजा खोल दिया। उल्लेखनीय है कि इस घटना से नाराज लोगों ने सुभाष की पत्नी की पिटाई कर दी थी। बाद में उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया। सुभाष ने सभी बच्चों को अपने बच्चे के जन्मदिन के बहाने घर बुलाया था।
अंजलि के पिता की दो साल पहले मौत हो चुकी है और मॉं मजदूरी करती हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वह 9वीं कक्षा में पढ़ती है। अंजलि भाई-बहन हैं। वह सबसे बड़ी है। 12 और 10 साल के उसके भाई-बहन भी बंधक बने हुए थे। अंजलि के मुताबिक वे लोग दोपहर के करीब 2.30 बजे सुभाष के घर पहुँचे थे। पहुँचते ही सुभाष ने उन सभी को चॉकलेट और बिस्किट खाने को दिया। फिर जबरन तहखाने में ले जाकर बंद कर दिया।
14 साल की इस लड़की की बहादुरी की गाँव और आस-पास के लोग ही नहीं, बल्कि पुलिस भी तारीफ कर रही है। कुछ ग्रामीणों ने उसे इनाम भी दिया। बंधक बने बच्चों के अनुसार यदि अंजलि ने होशियारी नहीं दिखाई होती तो वे शायद ही बच पाते।
UP DGP OP Singh: The operation ran for around 8 hours. We tried to engage him constructively through talks but we got information that he had firing capability and there was possibility that he had explosives in his possession. He was threatening to carry out a blast. https://t.co/QMcp8pD9k0 pic.twitter.com/Nit6XlJgl2
— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2020