Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजजम्मू-कश्मीर के नाम पर IAS छोड़ने वाले गोपीनाथन के मामले में नया मोड़ वजह...

जम्मू-कश्मीर के नाम पर IAS छोड़ने वाले गोपीनाथन के मामले में नया मोड़ वजह कारण-बताओ नोटिस

कन्नन गोपीनाथन पर लगे आरोपों में पिछले साल अपने गृह-राज्य केरल में आई बाढ़ के समय उनके द्वारा वहाँ जाकर किए गए राहत-कार्यों की कोई रिपोर्ट लौटकर जमा न करने का भी है। उनपर लगे अन्य आरोपों में अवज्ञा, कर्त्तव्य-पालन में लापरवाही और जान-बूझकर सरकारी प्रक्रिया धीमी करने की पैंतरेबाज़ी भी शामिल हैं।

सिविल सेवाओं से “जम्मू-कश्मीर में सरकार के खिलाफ बोलने की आज़ादी के लिए” त्यागपत्र देने वाले आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ कदाचार के मामलों में कारण-बताओ नोटिस लंबित था। जुलाई में गृह-मंत्रालय के अवर सचिव राकेश कुमार सिंह की ओर से उन्हें थमाए गए कारण-बताओ नोटिस में उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के पाँच कारण गिनाए गए थे। 2012 बैच के गोपीनाथन उस समय दादरा और नगर हवेली में ऊर्जा, शहरी विकास, कस्बाई और ग्रामीण योजना विभागों के सचिव थे। उन पर लगे आरोपों में पिछले साल अपने गृह-राज्य केरल में आई बाढ़ के समय उनके द्वारा वहाँ जाकर किए गए राहत-कार्यों की कोई रिपोर्ट लौटकर जमा न करने का भी है।

उनपर लगे अन्य आरोपों में अवज्ञा, कर्त्तव्य-पालन में लापरवाही और जान-बूझकर सरकारी प्रक्रिया धीमी करने की पैंतरेबाज़ी (dilatory tactics) भी शामिल हैं। उन्हें नोटिस का अगल दस दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया था। इसके अलावा सार्वजनिक प्रशासन (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) में नवाचार (innovation) के लिए प्रधानमंत्री अवार्ड की विभिन्न श्रेणियों में नामांकन के बाबत भी निर्देशों की अवहेलना का आरोप भी केंद्र ने उनपर लगाया था

किया खण्डन

हालाँकि इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए गोपीनाथन ने दावा किया है कि उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला गृह-मंत्रालय के इस दो पन्नों के मेमोरेंडम के डर से नहीं, जम्मू-कश्मीर में लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों का कई हफ्ते तक उल्लंघन होने से क्षुब्ध होकर ही किया है।

उन्होंने दावा यह भी किया कि उनकी वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट (APR) में 2017-2018 के लिए उन्हें 10 में से 9.95 अंक मिले थे। तत्कालीन गृह सचिव ने उनके बारे में की गई इस रिपोर्ट को स्वीकार भी कर लिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -