दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (17 मई, 2022) को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भजनपुरा इलाके में मजार के तौर पर किए गए अवैध अतिक्रमण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। साथ ही पूछा कि अगर बीच सड़क में ऐसे ही अवैध मजहबी ढाँचे बने तो एक सभ्य समाज कैसे रहेगा।
बता दें कि इस मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई की और दिल्ली सरकार को अतिक्रमण करने वालों पर कोई कार्रवाई न करने पर फटकार लगाई। पीठ ने कहा, “आखिर सभ्य समाज कैसे रहेगा अगर इसी तरह रोड की बीच में ऐसे ढाँचे बने तो? आपको समाज में और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक संदेश देना होगा कि ये सब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको मजबूरी से सड़कों पर उतरना चाहिए और अतिक्रमण करने वालों को वहाँ से हटा चाहिए।”
Delhi High Court issued notices to the Delhi govt and others on a PIL over illegal encroachment on Delhi roads, says, "How will a civilised society survive, if we have illegal religious structures built encroaching mid of the roads in Delhi."
— ANI (@ANI) May 17, 2022
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने दो मजारों के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर नाराजगी व्यक्त की। इनमें एक मजार वजीराबाद रोड के भजनपुरा पर बनी है। दूसरी हसनपुर डिपो पर बनी है। दावा है कि ये दोनों मजारें अवैध हैं।
अतिक्रमण करके बनाई गई दोनों मजारों के खिलाफ याचिका डालने वाले याचिकाकर्ता एसडी विंडलेश हैं। उन्होंने दलील दी है कि इन मजारों के कारण ट्रैफिक पर असर पड़ता है और इससे नागरिकों को दिक्कत आती है। उन्होंने माँग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन मजारों को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए जाएँ। वहीं दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील गौतम नारायण ने पीठ को सूचित किया कि अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने का मुद्दा पहले ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।
इस सुनवाई के दौरान याचिका में संलग्न तस्वीरों को देख पीठ ने माना कि ये चौंकाने वाली स्थिति है। पीठ ने नोटिस जारी करते हुए कहा, “हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि राज्य मूक दर्शक कैसे हो सकता है और कैसे इस तरह की अवैध चीजों को होने दे सकता है। हमारे विचार में राज्य को ऐसे मामलों में एक स्पष्ट, निश्चित और दृढ़ स्टैंड लेना चाहिए। अतिक्रमणकारियों को संदेश दें कि इस प्रकार का अतिक्रण आप लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्द ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। इस प्रकार के ढाँचे बनाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।”