मोहिनीअट्टम की प्रसिद्ध नृत्यांगना डॉक्टर नीना प्रसाद का कार्यक्रम रुकवाने के आरोपों के बाद वकीलों के विरोध पर केरल के पलक्कड़ (Palakkad, Kerala) जिला जज कलाम पाशा (Kalam Pasha) ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कार्यक्रम रोकने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पीसी हरिदास को दोषी ठहराया है और खुद को प्रशिक्षित डांसर और कलाप्रेमी बताया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केके सुधीर को लिखे पत्र में जज पाशा ने कहा कि वे इस आरोप से आहत हैं कि धार्मिक कारणों से पुलिस का प्रयोग करके नृत्य के कार्यक्रम को रुकवा दिया था। उन्होंने कहा, “मेरे कहने के मेरे PSO ने वॉल्यूम को कम करने के लिए उपाधीक्षक से कहा था, वही इस समस्या का कारण बना। अगर प्रदर्शनकारियों को इस बात की जानकारी होती तो मुझे लगता है कि वे ऐसा नहीं करते।”
न्यूज18 से बातचीत में उपाधीक्षक हरिदास ने कहा कि यह सच नहीं है। खुद को कलाप्रेमी बताते हुए जज पाशा ने कहा, “मुझे कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बहुत शौक है। मैंने 6 वर्षों तक कर्नाटक संगीत का अध्ययन किया है। मैंने भरतनाट्यम का ‘अरंगत्रम’ (मंच पर शास्त्रीय नर्तक की शुरुआत तक) तक प्रशिक्षण लिया है।
इस बीच नीना प्रसाद ने जज पाशा के बयान पर जवाब देते हुए कहा, “मैं किसी को घेरना नहीं चाहती। मैंने सिर्फ अपना दर्द व्यक्त किया है। जज ने खुद कहा कि उन्होंने भारतीय शास्त्रीय कला में प्रशिक्षित हासिल किया गया है। वे जरूर समझेंगे कि मेरे जैसे कलाकार पर क्या बीती होगी।”
क्या है मामला
बता दें कि मोहिनीअट्टम की प्रसिद्ध नृत्यांगना डॉक्टर नीना प्रसाद 19 मार्च 2022 की शाम को पलक्कड के सरकारी मोयन एलपी स्कूल में नृत्य का मंचन कर रही थीं। उसी वक्त पुलिस ने आकर उनका कार्यक्रम रुकवा दिया था। बताया जाता है कि कार्यक्रम रोके जाने के बाद नीना प्रसाद की आँखों में आँसू आ गए और उन्होंने इसे अपने करियर का सबसे कड़वा अनुभव बताया था।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि कमाल पाशा स्कूल के पास रहते हैं। जज का कहना था कि यह शो उनके लिए परेशानी भरा था। इसी कारण उन्होंने इसे रोकने को कहा। जिला जज का आदेश मिलते ही पुलिस कार्यक्रम स्थल पर पहुँच गई और उसने घंटे भर के ‘सख्यम’ कार्यक्रम को रोक दिया। इसमें श्रीकृष्ण और अर्जुन के संबंधों को दर्शाया गया था।
जज पाशा का विवादों से रहा है नाता
जज कलाम पाशा पहले भी विवादों से घिरे रहे हैं। पिछले साल पाशा पर उनकी बीवी ने ‘ट्रिपल तलाक’ देने का आरोप लगाया था। पाशा की बीवी ने जज के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हुए केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि साल 2018 में एक लेटर के जरिए कलाम पाशा ने उन्हें तीन तलाक दे दिया था।
बाद में एक अन्य पत्र में टाइपिंग मिस्टेक होने की बात कही गई। इसमें बताया गया था कि तीन तलाक देने की असली तारीख 1 मार्च 2017 थी। इतना ही नहीं, बीवी ने जस्टिस पाशा और उनके भाई पर तलाक से मना करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने का आरोप भी लगाया था। खास बात ये है कि कलाम पाशा के भाई बी कमाल पाशा केरल हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हैं।