Friday, November 15, 2024
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24 घंटे में लौटूँगा हिंदुस्तान, देश छोड़ना सबसे बड़ी गलती: इस्लामिक बैंकिंग घोटाले का आरोपित मंसूर खान

मंसूर खान ने वीडियो जारी कर 24 घंटे के भीतर हिंदुस्तान लौटने की घोषणा की है। मंसूर ने यह भी दावा किया कि देश छोड़ने का फैसला नेताओं और 'एंटी-सोशल एलिमेंट्स' के दबाव में लेना पड़ा था।

बेंगलुरु में ‘आई मॉनेटरी एडवाइजरी’ (I Monetary Advisory) के नाम से फर्जी इस्लामिक बैंक चलाने और समुदाय विशेष के निवेशकों से ₹1500 करोड़ ठगने के आरोपित मोहम्मद मंसूर खान ने वीडियो जारी कर 24 घंटे के भीतर हिंदुस्तान लौटने की घोषणा की है। आईएमए के कथित पोंज़ी स्कीम स्कैंडल से जुड़े मामले प्रकाश में आने के बाद, माना जाता है कि, आरोपित मंसूर खान ने दुबई की राह ली थी। मंसूर ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि अब तक हिंदुस्तान आने से पिछले कुछ दिनों से नासाज़ चल रही तबियत रोक रही थी। “मैं आने का पूरा बंदोबस्त कर रहा हूँ इंशाल्लाह… सबसे पहले तो मेरा हिंदुस्तान छोड़ के जाना ही सबसे बड़ी गलती थी… जो मैं हरगिज़ नहीं जाना चाहता था, लेकिन कुछ ऐसे हालात बन गए कि मुझे ये कदम उठाना पड़ा।” मंसूर ने यह भी दावा किया कि देश छोड़ने का फैसला नेताओं और ‘एंटी-सोशल एलिमेंट्स’ के दबाव में लेना पड़ा।

नज़दीकी सहयोगी की गिरफ़्तारी

दक्षिण के नीरव मोदी कहे जाने वाले मंसूर खान के सहयोगी सईद मुजाहिद के ठिकानों पर पिछले महीने SIT ने छापेमारी की थी। इसके बाद SIT ने मुजाहिद को भी हिरासत में ले लिया था। इसी मामले में कॉन्ग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री बीज़ेड ज़मीर अहमद खान भी शक के घेरे में हैं। परवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए गए एक हलफनामे में ज़मीर ने IMA ज्वेल्स को अपनी एक सम्पत्ति ₹5 करोड़ में बेचने की बात कबूली थी

करोड़ों खातों से, अरबों की सम्पत्ति ज़ब्त

जाँच एजेंसियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है और आरोपित कम्पनी की ₹190 करोड़ से अधिक की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है। जाँच एजेंसियों ने कम्पनी के 52 बैंक खातों से ₹12 करोड़ भी ज़ब्त किए हैं। ईडी का कहना है कि आईएमए किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं कर रही थी बल्कि एक पोंजी स्कीम चला रही थी

‘हलाल बैंकिंग’ के सब्ज़-बाग़ में डूबे समुदाय विशेष वाले

आरोप है कि मंसूर ख़ान ने समुदाय विशेष का धन हड़पने की योजना बनाई थी, जिसके तहत इस्लामिक बैंकिंग और हलाल निवेश के नाम पर एक फ़र्म बनाई गई जिसका नाम रखा ‘आई मॉनेटरी एडवाइज़री’ (I Monetary Advisory)। इस्लामिक बैंक के नाम पर मंसूर ख़ान ने अपने समुदाय के लोगों से इस फ़र्म में निवेश करने को कहा। इस समुदाय का एक बड़ा वर्ग कुरान में ब्याज हराम होने के चलते बैंकों में पैसा रखने में असहज महसूस करता है। आरोप है कि मंसूर ने समुदाय विशेष से पैसे निवेश करवा कर और उन्हें 14% से 18% के लाभ का सपना दिखाया, जोकि झूठा निकला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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