Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजइस्लामिक बैंकिंग के नाम पर धोखा देने वाले को कॉन्ग्रेस के मंत्री देने वाले...

इस्लामिक बैंकिंग के नाम पर धोखा देने वाले को कॉन्ग्रेस के मंत्री देने वाले थे ₹600 करोड़

इस्लामिक बैंकिंग के नाम पर मुस्लिम समाज से पैसे निवेश करवा कर और उन्हें 14% से 18% के लाभ का सपना दिखाकर अब मंसूर खान रफ़ूचक्कर हो गया।

इस्लामिक बैंक के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मंसूर खान से जुड़े नए ख़ुलासे लगातार हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज फिर एक नया मामला सामने आया है। ख़बर के अनुसार, कर्नाटक सरकार के एक मंत्री मंसूर खान को बेलआउट पैकेज के तौर पर 600 करोड़ रुपए देने वाले थे। लेकिन, मंत्री साहब के इस इरादे पर एक वरिष्ठ IAS अधिकारी ने पानी फेर दिया।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, मंसूर ख़ान ने फ़रार होने से पहले एक मुस्लिम नेता के ज़रिए मंत्री से मुलाक़ात की थी। ये लोग जिस घोटाले को अंजाम देने जा रहे थे वो लगभग 1700 करोड़ रुपए का था, जिसमें 30,000 मुस्लिम निवेशकों ने मुनाफ़ा कमाने के लालच में एक मोटी रक़म मंसूर ख़ान को दे दी थी।

ख़बर में इस बात का भी ज़िक्र है कि मंसूर ख़ान ने लोन लेने के लिए एक बैंक से सम्पर्क किया था। लेकिन, बैंक को मंसूर को मिले धोखाधड़ी के नोटिस के बारे में पहले से ही पता चल चुका था। बैंक ने मंसूर ख़ान से राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) लाने को कहा। चूँकि मंसूर ख़ान की सत्ता में बड़े स्तर पर जान-पहचान थी, इसलिए वो NOC लाने में सक्षम रहा।

मंसूर ख़ान की चाल उस वक़्त क़ामयाब ना हो सकी, जब लोन के दस्तावेज़ पर IAS अधिकारी ने हस्ताक्षर करने से साफ़ इनकार कर दिया। IAS अधिकारी पर मंत्री का दबाव भी था, बावजूद इसके उन्होंने मंसूर ख़ान के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करने पर अटल रहे।  

मंसूर ख़ान ने मुस्लिमों का धन हड़पने की योजना बनाई थी, जिसके तहत उसने इस्लामिक बैंकिंग और हलाल निवेश के नाम पर एक फ़र्म बनाई जिसका नाम रखा ‘आई मॉनेटरी एडवाइज़री’ (I Monetary Advisory). इस्लामिक बैंक के नाम पर मंसूर ख़ान ने अपने समुदाय के लोगों से इस फ़र्म में निवेश करने को कहा। उसने इस फ़र्म में निवेश करने के लिए उन लोगों को अपना निशाना बनाया जो किसी अन्य वित्तीय फ़र्म में निवेश करने से कतराते हैं। निवेश आने पर मंसूर ने निवेशकों के धन से ज्वैलरी, रियल एस्टेट, बुलियन ट्रेडिंग, फॉर्मेसी, प्रकाशन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में जमकर व्यवसाय किया और अँधी कमाई अपने नाम की।

मुस्लिम समाज से पैसे निवेश करवा कर और उन्हें 14% से 18% के लाभ का सपना दिखाकर अब मंसूर खान रफ़ूचक्कर हो गया। निवेशक जब बेंगलुरु के शिवाजीनगर स्थित IMA के दफ्तर में अपना पैसा माँगने पहुँचे तो वहाँ कोई नहीं मिला। अब मंसूर खान कहाँ है, यह किसी को नहीं पता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -