Tuesday, November 5, 2024
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इधर बाबा रामदेव ने पूछे 25 सवाल, उधर IMA उत्तराखंड ने CM को लिखा- जल्द और सख्त कार्रवाई करिए

डॉ. अजय खन्ना ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए अपने पत्र में लिखा है कि बाबा रामदेव के बयान से आईएमए के डॉक्टरों में खासी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार बाबा रामदेव के खिलाफ तत्काल सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

बाबा रामदेव के पिछले कई दिनों से ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें वो एलोपैथी डॉक्टरों पर टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। अब उनके वायरल टिप्पणी से नाराज आईएमए की उत्तराखंड राज्य शाखा ने सरकार से बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है।

कोरोना संक्रमण में इलाज के बावजूद हो रही मौतों पर बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुख्य ब्रांच भी ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है। वायरल वीडियो में रामदेव कहते हैं कि एलोपैथी दवाएँ खाने से लाखों लोगों की मौत हुई। इसको लेकर आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की थी। जिसपर बाबा रामदेव ने माफ़ी माँगते हुए भी कई सवाल खड़ा किए थे।

आईएमए ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र भेजा है। आईएमए की राज्य शाखा के सचिव डॉ. अजय खन्ना की ओर से सोमवार को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया। इसके साथ ही मुख्य सचिव को बाबा रामदेव के वायरल वीडियो भी वाट्सएप किए गए हैं।

डॉ. अजय खन्ना ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए अपने पत्र में लिखा है कि बाबा रामदेव के बयान से आईएमए के डॉक्टरों में खासी नाराजगी है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव के बयान को गलत माना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार बाबा रामदेव के खिलाफ तत्काल सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

इधर, आईएमए की ओर से बाबा रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा जा रहा है। डॉ. अजय खन्ना ने बताया कि अभी नोटिस तैयार किया जा रहा है और मंगलवार को नोटिस बाबा रामदेव को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में मानहानि के दावे के अलावा एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। उत्तराखंड सरकार की ओर से ठोस कार्रवाई न होने पर आईएमए रणनीति बनाएगा।

बता दें कि हाल ही में एलोपैथी दवाओं को लेकर बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने भी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद रामदेव ने अपने बयान पर डॉक्टरों से माफी माँग ली। हालाँकि, यह विवाद अभी थमा नहीं है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर दिए गए बयान को वापस लेने के बाद बाबा रामदेव सोमवार को एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति और फार्मा कंपनियों पर हमलावर हो गए।

योग गुरु ने सोमवार (24 मई 2021) को एक और ट्वीट किया, जिसके बाद यह मामला फिर से गर्माता दिख रहा है। रामदेव ने ट्वीट कर डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दवा कंपनियों से 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने हाइपरटेंशन, टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज जैसे कई बीमारियों के स्थायी समाधान के बारे में भी सवाल पूछा है।

बाबा रामदेव ने एक पत्र जारी कर IMA और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे थे। उन्होंने अपने पत्र में पूछा कि एक आदमी का कम से कम एक किलो वजन कम हो जाए। बिना सर्जरी के बैरियाट्रिक सर्जरी और लाइपोसेक्शन के, बिना किसी छेड़छाड़ के, दवाई खाएँ और वजन घट जाए, क्या फार्मा इंडस्ट्री में ऐसी कोई दवाई है? सोरायसिस, सोरायटिक अर्थरायटिस और सफेद दाग का कोई बिना साइड इफेक्ट के स्थायी समाधान बताएँ।

ऐसे ही बाबा रामदेव ने अपने पत्र में IMA से सवाल किया है कि एलोपैथी के पास पार्किंसन का निर्दोष स्थायी समाधान क्या है? बाबा ने यह भी कहा कि कब्ज, गैस, एसीडिटी का फार्मा इंडस्ट्री के पास स्थायी समाधान क्या है? अनिद्रा, लोगों को नींद नहीं आती है, क्योंकि आपकी दवा 4-6 घंटे ही असर करती हैं, वह भी साइड इफेक्ट के साथ। क्या इन सबका कोई स्थायी समाधान है क्या?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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