साल 2002 के गोधरा मामले के आरोपित याकूब पटालिया को अहमदाबाद की एक विशेष एसआईटी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, यह याकूब नाम का शख्स उसी भीड़ का हिस्सा था जिसने 27 फरवरी 2002 के दिन साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई थी और जिस आग में 59 हिन्दुओं ने झुलसकर दम तोड़ दिया था।
2002 Godhra train burning case: A Special SIT Court in Ahmedabad sentences convict Yakub Pataliya to life imprisonment.
— ANI (@ANI) March 20, 2019
याकूब के ख़िलाफ़ सितंबर 2002 में ही एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसके बाद उसपर हत्या की कोशिश समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ मुकदमे चलाए गए थे। इनकी सजा से बचने के लिए वह तब से भाग रहा था, लेकिन विगत वर्ष पुलिस ने 16 साल बाद याकूब को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की और 64 वर्षीय याकूब को मामले की जाँच में जुटी एसआईटी को सौंप दिया।
इससे पहले 2015 में इस मामले में याकूब के भाई कादिर को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान ही कादिर की जेल में मौत हो गई थी।
At last a small justice for 2002 #godhra train victims, who were mercilessly burnt alive by these goons. And for those who blame outside factors for terrorism, none of their family members took to terrorism. https://t.co/2abO7Lc3Pt
— Chowkidar The MYSTIC?? (@TheMYSTIC11) March 20, 2019
बता दें कि अक्टूबर 2017 में गुजरात के उच्च न्यायलय ने इस पूरे कांड में 11 आरोपितों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था, और साथ में 20 आरोपितों की उम्रकैद की सज़ा को बरकरार रखा था। वहीं निचली अदालत ने इस मामले में 31 आरोपितों को दोषी ठहराते हुए 63 को बरी कर दिया था।
साल 2002 में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने आग लगा दी थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में अधिकतर कार सेवक थे। इस घटना के बाद 28 फरवरी से 31 मार्च तक गुजरात में दंगे भड़के। जिसके कारण 1200 से अधिक लोग मारे गए थे और साथ ही 1500 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज हुई थी।